पेट्रोलियम और संबंधित उत्पादों पर समझौता ज्ञापन भूटान को निर्दिष्ट प्रवेश और निकास बिंदुओं से उनके निर्यात की अनुमति देगा, विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया।
"दोनों नेता भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क की स्थापना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। एमओयू भारत और भूटान के मध्य दो प्रस्तावित रेल लिंक की स्थापना का प्रावधान करता है, जिसमें कोकराझार-गेलेफू रेल लिंक और बनारहाट-समत्से रेल लिंक और उनके कार्यान्वयन के तौर-तरीके शामिल हैं," बयान में कहा गया।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की भूटान की राजकीय यात्रा नई दिल्ली की "पड़ोसी प्रथम नीति" पर "जोर" के मध्य नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को ध्यान में रखते हुए की गयी है।
ज्ञात है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भूटान पहुंचे, जो 2024 लोक सभा चुनावों से पहले उनकी अंतिम निर्धारित विदेश यात्रा है।
वर्ष 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता संभालने के बाद भूटान मोदी का पहला विदेशी गंतव्य था। भारतीय प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में तीन बार इस हिमालयी राष्ट्र का दौरा किया है।
मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
इस मध्य शुक्रवार को भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो" सम्मान प्रदान किए।
प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार "भारत-भूटान संबंधों के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान और भूटानी राष्ट्र और लोगों के लिए उनकी विशिष्ट सेवा के लिए" प्रदान किया गया है।
"भूटान द्वारा 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' पुरस्कार से सम्मानित होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं," मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया।
इस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी भूटान से उसका सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त करने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं।