लाल सागर में हो रहे संकट की वजह से अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे का महत्व बढ़ गया है। रूसी मीडिया से बातचीत करते हुए भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि यह गलियारा भारत के लिए आर्थिक रूप से लाभप्रद है।
अजय सहाय ने कहा, "यह गलियारा हमारे लिए सदैव महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि यह आर्थिक रूप से लाभप्रद है। पश्चिमी एशिया की स्थिति और लाल सागर की समस्याओं के कारण इस मार्ग का महत्त्व बढ़ गया है।"
FIEO के महानिदेशक के अनुसार रूस और मध्य एशिया के देशों के मध्य बढ़ते व्यापार संबंध इस गलियारे को महत्वपूर्ण बनाते हैं, जबकि इससे पाकिस्तान को दरकिनार कर अफगानिस्तान तक सीधे पहुंचने का अवसर मिलता है।
सहाय ने आगे कहा, "हम इस मार्ग को मध्य एशिया के देशों और अफगानिस्तान के साथ व्यापारिक मार्ग के रूप में मान रहे हैं, लेकिन अब लाल सागर में समस्याओं के कारण रूस के साथ व्यापार करने के लिए इस गलियारे का उपयोग करना संभव हो गया है।"
हालांकि, उन्होंने गलियारे के लॉन्च में कुछ चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “इसकी योजना व्यवहार्य लगती है, लेकिन अत्यंत इसके लिए गहरी रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है। कुछ समस्याएं भी हैं। यह मार्ग ईरान से होकर निकलता है, जहां अमेरिकी प्रतिबंधों के अंतर्गत एक बंदरगाह है। जब माल किसी स्वीकृत बंदरगाह से गुजर रहा हो, तो भारतीय कंपनियां दस्तावेजों पर बातचीत करने के लिए बहुत इच्छुक नहीं होती हैं। यह कोई आसान काम नहीं है।”
सहाय ने याद दिलाया कि मार्ग पर माल परिवहन का परीक्षण पहले ही आरंभ किया जा चुका था जो सफल रहा। इसके अलावा, गलियारे को आरंभ करने की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए रूस के विशेष प्रतिनिधिमंडलों ने भारत का दौरा किया। FIEO में रूसी सहयोगियों के साथ बैठकें भी हुईं।