जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (JUI-F) के प्रमुख रहमान ने कहा, ''रैली करना पीटीआई का अधिकार है। हमने 2018 के चुनाव पर भी आपत्ति जताई थी और हमें 8 फरवरी के चुनाव पर भी आपत्ति है।"
उन्होंने सवाल किया, "अगर 2018 के चुनाव में धांधली हुई थी, तो मौजूदा चुनाव में धांधली क्यों नहीं हुई?"
दरअसल पीटीआई नेता असद क़ैसर ने रैली आयोजित करने के लिए पार्टी के अधिकार की मांग की थी। इस पर रहमान ने अपने भाषण में कहा, "असद क़ैसर की मांग सही है और रैली आयोजित करना पीटीआई का अधिकार है।"
इसके अलावा रहमान ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सत्तारूढ़ गठबंधन से आग्रह किया कि अगर पीटीआई के पास संसद में बहुमत है तो उनको सरकार बनाने की अनुमति दी जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि आठ फरवरी को हुए चुनाव निष्पक्ष नहीं, बल्कि त्रुटिपूर्ण थे। यह कैसा चुनाव है जहां हारने वाले संतुष्ट नहीं हैं और जीतने वाले परेशान हैं।
उन्होंने कहा, "जरा भारत और पाकिस्तान के बीच तुलना करें। दोनों देशों को एक ही दिन आजादी मिली थी। लेकिन आज वे (भारत) महाशक्ति बनने का सपना देख रहे हैं और हम दिवालिया होने से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भीख मांग रहे हैं।"
गौरतलब है कि JUI-F पीटीआई का कट्टर प्रतिद्वंद्वी था और उसने इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए कदम उठाया था। खान के सत्ता से हटने के बाद JUI-F शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा बन गया। हालांकि, चुनाव के बाद उन्होंने पीएमएल-एन और पीपीपी से नाता तोड़ लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए चुनावों में धांधली की गई थी।