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भारत के विभाजन ने पूर्वोत्तर क्षेत्र से वास्तविक संपर्क को खत्म कर दिया: जयशंकर

© AP Photo / Eugene HoshikoIndian Foreign Minister Subramanyam Jaishankar delivers a speech at commemorative lecture of "Nikkei Forum" Friday, March 8, 2024, in Tokyo.
Indian Foreign Minister Subramanyam Jaishankar delivers a speech at commemorative lecture of Nikkei Forum Friday, March 8, 2024, in Tokyo. - Sputnik भारत, 1920, 29.04.2024
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत के विभाजन ने कई तरह से पूर्वोत्तर राज्यों से वास्तविक संपर्क को तोड़ दिया और राजनीतिक बाधाओं के साथ-साथ प्रशासनिक मुद्दों के कारण क्षेत्र के विकास पर असर पड़ा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि पूर्वोत्तर में मौजूदा आर्थिक स्थिरता मजबूत स्थिति की तरफ बढ़ रही है।

जयशंकर ने कहा, "भारत के विभाजन के परिणाम ने कई मायनों में उस वास्तविक संपर्क को तोड़ दिया जो पूर्वोत्तर के पास था या अभी होता। इसके परिणामस्वरूप, पूर्वोत्तर में विकास स्तर धीमा हो गया। विभाजन के बाद पहले कुछ दशकों में, राजनीतिक बाधाओं और प्रशासनिक मुद्दों के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र को वह लाभ नहीं मिला जो देश के अन्य हिस्सों को मिला।"

इसके अलावा उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लोग भारत की तकनीकी उपलब्धियों से प्रभावित हैं। भारत ने जिस तरह से कोविड-19 महामारी को संभाला, उसे देखने के बाद विदेश में रहने वाले लोगों की धारणा बदल गई है और देश के चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' का विदेशों में रहने वाले भारतीयों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है।

जयशंकर ने कहा, "दुनिया में भारत में निवेश करने, भारत को जानने और भारत की यात्रा करने में बहुत रुचि है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में बहुत सारी संभावनाएं हैं क्योंकि देश वैश्वीकरण की ओर अग्रसर है और अपनी प्रतिभा और कौशल के जरिए घरेलू स्तर पर वैश्विक कार्यस्थल तक पहुंच का मार्ग बना रहा है।"

साथ ही उन्होंने कहा कि "भारत दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही हम तीसरी बन जाएंगे।"
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में म्यांमार के सितवे बंदरगाह पर परिचालन शुरू करने के लिए राज्य समर्थित इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उम्मीद है कि इस बंदरगाह के चालू होने से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और अन्य क्षेत्रों के बीच परिवहन समय और लागत में कमी आएगी।
A Myanmarese man looks towards the Indian side at the India-Myanmar border in Mizoram, India, Saturday, March 20, 2021.  - Sputnik भारत, 1920, 11.04.2024
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