व्यापार और अर्थव्यवस्था

भारत की मदद से एशिया में कच्चे तेल का आयात साल के उच्चतम स्तर पर: रिपोर्ट

भारत के कच्चे तेल के आयात को बढ़ावा देने वाला एक सबसे बड़ा कारक रियायती दरों पर रूसी कच्चे तेल की निरंतर उपलब्धता है, LSEG की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी प्रतिबंध के बावजूद रूस से मई में आयात 1.96 मिलियन BPD आँका गया है, जो अप्रैल से अधिक है।
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LSEG ऑयल रिसर्च द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार भारत में रिकॉर्ड कच्चे तेल के आयात ने मई में एशिया के तेल आयात को एक साल में उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है, जिसमें भारत दूसरे सबसे बड़े खरीदार के रूप में रिकॉर्ड बनाने की राह पर है।
रिसर्च द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में दुनिया के शीर्ष कच्चे तेल आयातक क्षेत्र में 26.89 मिलियन बैरल प्रतिदिन (BPD) से बढ़कर 27.81 मिलियन BPD होने की उम्मीद है। महीने के हिसाब से देखा जाए तो यह 920,000 BPD की वृद्धि है, इस वृद्धि में भारत ने सबसे बड़ा रोल अदा किया है, और आयात बढ़कर 5.26 मिलियन BPD के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है, जो अप्रैल के 4.55 मिलियन BPD से 710,000 अधिक है।
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रूस अप्रैल में भी भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बना रहा
जबकि भारत एशिया में कच्चे तेल के आयात में सबसे आगे है, वहीं चीन में फिर से आयात मांग में कमी के संकेत मिल रहे हैं। रॉयटर्स के रसेल ने बताया कि दुनिया के शीर्ष कच्चे तेल आयातक द्वारा मई में 10.72 मिलियन BPD कच्चे तेल की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है, जो अप्रैल में आयात किए गए 10.93 मिलियन BPD से कम है और जनवरी के बाद से प्रतिदिन सबसे कम मात्रा है।
इस साल की शुरुआत में रूस के तेल व्यापार पर सख्त अमेरिकी प्रतिबंधों के लागू होने के बाद भारतीय रिफाइनरों की रूसी कच्चे तेल के लिए फिर से मांग बढ़ी है, हाल के हफ्तों में भारतीय ईंधन की मांग और कच्चे तेल के आयात में वृद्धि हुई है।
रॉयटर्स द्वारा उद्योग और शिपिंग स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल में रूसी कच्चे तेल के अपने आयात को नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँचा दिया है।
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