विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

DRDO की मदद से निजी स्टार्टअप ने व्यक्तिगत पहचान के लिए किया AI टूल ‘दिव्य दृष्टि’ विकसित

भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय थीम-आधारित प्रतियोगिता डेयर टू ड्रीम इनोवेशन कॉन्टेस्ट 2.0 एक महिला उद्यमी डॉ. शिवानी वर्मा ने अपने नाम किया है।
Sputnik
भारत के एक स्टार्ट-अप ने प्रौद्योगिकी विकास निधि के अंतर्गत व्यक्तिगत पहचान के लिए ‘दिव्य दृष्टि’ नाम का AI टूल विकसित किया है, भारतीय सरकार ने बताया।
एक महिला उद्यमी डॉ. शिवानी वर्मा द्वारा स्थापित इंजीनियस रिसर्च सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम के एक स्टार्ट-अप ने इस AI टूल को विकसित किया है। इसकी सहायता से किसी के चेहरे की पहचान को उसकी चाल और कंकाल जैसे अपरिवर्तनीय शारीरिक मापदंडों के साथ एकीकृत किया जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किये गए वक्तव्य के अनुसार, यह अभिनव समाधान बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण तकनीक में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है, जो व्यक्तियों की पहचान करने में बढ़ी हुई सटीकता और विश्वसनीयता प्रदान करता है।
"दिव्य दृष्टि चेहरे की पहचान को चाल विश्लेषण के साथ जोड़कर एक मजबूत और बहुमुखी प्रमाणीकरण प्रणाली बनाती है। यह दोहरा दृष्टिकोण पहचान की सटीकता को बढ़ाने के साथ झूठी सकारात्मकता या पहचान धोखाधड़ी के जोखिम को कम करता है। इसके साथ साथ यह रक्षा, कानून प्रवर्तन, कॉर्पोरेट और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे सहित विविध क्षेत्रों में इसके बहुमुखी अनुप्रयोग हैं," बयान में कहा गया।
AI टूल को बैंगलोर स्थित DRDO की प्रयोगशाला, सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (CAIR) के तकनीकी मार्गदर्शन और सुझाव के अंतर्गत विकसित किया गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने इस उपलब्धि पर स्टार्टअप के साथ-साथ DRDO की टीम को बधाई देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी विकास कोष (TDF) के अंतर्गत ‘दिव्य दृष्टि’ का विकास रक्षा और एयरोस्पेस उद्योग में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के साथ साथ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए DRDO का एक सफल प्रयास है।
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