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केरल में आयोजित रूसी साहित्य महोत्सव में 1,500 से अधिक भारतीयों ने लिया भाग

तिरुवनंतपुरम में भारत में लामानोसोव फाउंडेशन, त्रिवेंद्रम में रूसी हाउस और रूसी वर्ल्ड फाउंडेशन द्वारा रूसी साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया था।
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भारत के दक्षिणी शहर तिरुवनंतपुरम में 12 मई से 16 जून तक रूसी साहित्य महोत्सव आयोजित किया गया था। यह उत्सव कवि-उपन्यासकार अलिक्सानदर पूश्किन से लेकर मक्सिम गोर्की और लेव टॉल्स्टॉय तक विश्व स्तर पर प्रशंसित रूसी कविताओं के कार्य और जीवन को समर्पित था।
केरल की राजधानी में स्थित रूसी हाउस के निदेशक और रूसी मानद वाणिज्य दूतावास रथीश नायर ने रूसी मीडिया को बताया कि लगभग एक महीने तक चल रहे इस उत्सव में विभिन्न क्षेत्रों से 1,500 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
रूसी साहित्य महोत्सव के अतिथि लगभग एक महीने तक अनेक प्रदर्शनियां, प्रतियोगिताएं, वाचन, सेमिनार और फिल्म प्रदर्शन में शामिल हुए।

रूसी राजदूत ने आगे कहा कि महोत्सव के 'मुख्य घटनाओं' में से 'अलिक्सानदर पूश्किन—जीवन और कार्य' पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन, रूसी भाषा दिवस के अवसर पर 23 विभिन्न भाषाओं में रूसी भाषा की कविताओं की शैली और रूसी प्रसिद्ध कवयित्री अन्ना अख्मातोवा के जन्म की 135वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित उनके जीवन और कार्यों पर एक अन्य प्रदर्शनी आयोजित की गई हैं।

रथीश नायर ने साथ ही कहा कि महोत्सव के समापन समारोह में मलयालम भाषा की कवयित्री रोज़मेरी और केरल विश्वविद्यालय में रूसी भाषा विभाग के पूर्व प्रमुख गोविंद नायर को भारत में रूसी साहित्य को लोकप्रिय बनाने में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त, अन्य देशों में रूस के बारे में ज्ञान फैलाने पर केंद्रित संगठन रोसोट्रूडनिचेस्तवो के भारतीय प्रतिनिधि कार्यालय के प्रमुख ओलेग ओसिपोव द्वारा उन दोनों उत्कृष्ट सांस्कृतिक व्यक्तित्व को पुरस्कार दिए गए थे। साथ ही, जिन लोगों ने पूश्किन और अख्मातोवा की कविताओं के पढ़न में भाग लिया, उन्हें भी पुरस्कार दी गई थीं।
रथीश नायर ने रूसी साहित्य महोत्सव की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि साहित्य भारत और रूस के बीच संबंध बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नायर ने कहा, "दक्षिण भारत में पूश्किन, गोर्की, टॉल्स्टॉय और अन्य रूसी लेखक बहुत लोकप्रिय हैं। साहित्य लोगों को एक साथ लाता है, इसलिए साहित्यिक उत्सव सदैव अत्यंत रुचि उत्पन्न करते हैं।"
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