भारत-रूस संबंध
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सम्मान पर आधारित हैं रूस और भारत की मित्रता, अन्य देशों के विरुद्ध किसी लक्ष्य को साधने पर नहीं

रूस और भारत के मध्य मित्रता आपसी सम्मान पर आधारित है और इस सहयोग का लक्ष्य अन्य देशों का विरोध करना नहीं है। इसके बारे में रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने रूसी मीडिया के साथ साक्षात्कार देते हुए बताया।
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भारतीय प्रधानमंत्री के मास्को के 8-9 जुलाई चले दौरे के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य संपर्क के अनौपचारिक हिस्से पर टिप्पणी देते हुए रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने इस पर जोर दिया कि दोनों नेताओं के मध्य घनिष्ठ संबंध है।
दिमित्री पेसकोव के अनुसार, मोदी और पुतिन के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध दोनों देशों के मध्य बहुत मजबूत और रचनात्मक अंतरराज्यीय संबंधों पर आधारित हैं।

उन्होंने कहा, ““हमारे सहयोग का दृष्टिकोण,उदाहरण स्वरूप,आपसी सहयोग के दृष्टि से अनुकूल है और तुलनात्मक रूप से पश्चिम से भिन्न भी। हम कभी भी किसी अन्य देशों को लक्ष्य नहीं बनाते हैं। और यह मित्रता आपसी सम्मान, हितों के संतुलन की खोज और एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखने की इच्छा पर आधारित है।“

रूसी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने आगे इस पर ध्यान इंगित किया कि यह पहला वर्ष नहीं है जब पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के मध्य घनिष्ठ संपर्क है। दोनों नेताओं के मध्य संबंध मजबूत रचनात्मक अंतरराज्यीय संबंधों पर निर्मित हैं।
बता दें कि नोवो-ओगारेवो में स्थित पुतिन के आवास में रूसी राष्ट्रपति और मोदी के मध्य अनौपचारिक संचार के दौरान विशिष्ट अतिथियों को दिखाए गए ‘पारंपरिक रूसी आतिथ्य’ की भारतीय मेहमानों ने बहुत सराहना की।
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