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अमेरिका के विपरीत 'सच्चा दोस्त' रूस कभी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहा

© Sputnik / Alexey MaishevIndian Prime Minister Narendra Modi, front, and Russian President Vladimir Putin visit Atom pavilion at the Exhibition of Achievements of National Economy (VDNKh) in Moscow, Russia, Tuesday, July 9, 2024. (Alexey Maishev, Sputnik, Kremlin Pool Photo)
Indian Prime Minister Narendra Modi, front, and Russian President Vladimir Putin visit Atom pavilion at the Exhibition of Achievements of National Economy (VDNKh) in Moscow, Russia, Tuesday, July 9, 2024. (Alexey Maishev, Sputnik, Kremlin Pool Photo) - Sputnik भारत, 1920, 09.07.2024
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में वापसी के बाद रूस की पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं। मंगलवार को मास्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि "रूस सुख और दुख दोनों में भागीदार है"।
भारत में रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट-कर्नल (सेवानिवृत्त) जे.एस. सोढ़ी ने Sputnik इंडिया को बताया कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के विपरीत रूस ने कभी भी अपनी धरती पर भारत विरोधी बयानबाजी का समर्थन नहीं किया है और यही बात वर्तमान भू-राजनीतिक संदर्भ में मास्को और नई दिल्ली के संबंधों को अलग बनाती है।
रक्षा विशेषज्ञ जे.एस. सोढ़ी की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को मास्को में प्रवासी कार्यक्रम के दौरान भारत-रूस संबंधों की मजबूती और ऐतिहासिक प्रकृति को रेखांकित करने के कुछ ही मिनटों बाद आई।

रूसी राजधानी में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "रूस शब्द सुनते ही सबसे पहले दिमाग में यही बात आती है कि दुख और सुख में भागीदार।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस में सर्दियों में तापमान कम होने के बावजूद भारत-रूस की दोस्ती गर्मजोशी से भरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और आपसी सम्मान की मजबूत नींव पर रिश्ता बना है।

भारत रूस पर 'आंख बंद करके' भरोसा कर सकता है

सोढ़ी ने आगे कहा कि भारत-रूस की दोस्ती पर मोदी की टिप्पणी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देशों के बीच मजबूत और भरोसेमंद द्विपक्षीय संबंध हैं।

उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए, रूस और तत्कालीन सोवियत संघ ने अमेरिका और पश्चिम के विपरीत अपनी धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कभी नहीं होने दिया। साथ ही, अमेरिका और पश्चिम के विपरीत रूस हमेशा भारत को हथियार प्रणालियों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में आगे रहा है। अगर कोई एक देश है जिस पर भारत आंख बंद करके भरोसा कर सकता है, तो वह केवल रूस है।"

रक्षा मामलों के जानकार ने इशारा किया कि अमेरिका के नेतृत्व वाला पश्चिम रूस के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों से नाखुश और असहज है क्योंकि उसे भारत को अपने निर्यात में कमी दिख रही है, क्योंकि रूस पारंपरिक रूप से भारत का सबसे बड़ा हथियार व्यापार भागीदार रहा है।

सोढ़ी ने जोर देकर कहा, "इसके अलावा, अमेरिका और पश्चिम में भारत विरोधी बयानबाजी भारत को यह एहसास करा रही है कि सच्चा दोस्त रूस ऐसी गतिविधियों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल कभी नहीं होने देगा।"

उन्होंने साथ ही कहा कि मजबूत और करीबी भारत-रूस दोस्ती चीन और पाकिस्तान तथा भारत के बीच लगातार बढ़ते तनाव को कम करने में मदद करेगी। उन्होंने आगे कहा कि मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए रूस को पहला देश चुना है, जो स्पष्ट रूप से भारत के रूस पर भरोसे और विश्वास को दर्शाता है।
इस बीच, किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि मोदी के रूस रवाना होने से पहले भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यूरेशियाई राज्य की उनकी यात्रा को "पूरी तरह द्विपक्षीय" बताया था। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ मोदी की द्विपक्षीय वार्ता की तुलना अमेरिका में 9 जुलाई को होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन से करने से मना कर दिया।

क्वात्रा ने नई दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, "प्रधानमंत्री की रूस यात्रा के कार्यक्रम के संबंध में, हम रूस के साथ अपने संबंधों को पूरी तरह से द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में देखते हैं। हम इस वार्षिक शिखर सम्मेलन को बहुत महत्व देते हैं जो अब तीन साल बाद हो रहा है। दोनों नेताओं द्वारा उन्हें नई दिशा, प्रेरणा और गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण एजेंडा मुद्दे उठाए जाने हैं।"

Russian President Vladimir Putin and Indian Prime Minister Narendra Modi shake hands during a meeting at the Kremlin in Moscow, Russia, Tuesday, July 9, 2024.  - Sputnik भारत, 1920, 09.07.2024
भारत-रूस संबंध
रूस और भारत के बीच संबंधों की विशेषता एक विशेष रणनीतिक साझेदारी और मित्रता है: पुतिन
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