भारतीय वायु सेना (IAF) ने हाल ही में सम्मिलित की गई अपनी सरफेस टू एयर मिसाइल फॉर एश्योर्ड हेटलिएशन (SAMA) वायु रक्षा प्रणाली को चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निकट सुरक्षा की दृष्टि से लद्दाख क्षेत्र में नियुक्त किया है।
वस्तुतः इस कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली को पिछले वर्ष दिसंबर महीने में वायु सेना में सम्मिलित किया गया है। इसे कम उड़ान वाले हवाई संकटों का सामना करने के लिए पुरानी रूसी मूल की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों का उपयोग करके विकसित किया गया है।
यह किसी भी हवाई लक्ष्य यानी मानव रहित हवाई वाहन (UAV) युद्धपोत और हमलावर हेलीकॉप्टर को निशाना बना सकता है।
समर प्रणाली भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह स्वदेशी विकास भारत की रक्षा क्षमता विशेषकर संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में मजबूत करता है।
ये मिसाइल ट्रक से लॉन्च की जाती है और इस मिसाइल सिस्टम का संचालन वायुसेना की बेस रिपेयर डिपो (BRD) इकाई करती है।
ज्ञात है कि समर सिस्टम में एक ट्विन-बुर्ज लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें संकट के परिदृश्य के आधार पर सिंगल और साल्वो मोड में दो मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता है।