4 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है और दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप की ज़र्रार कंपनी ने हमले के बाद से ही आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी।
हमले के लिए पाकिस्तानी तालिबान कमांडर हाफ़िज़ गुल बहादुर से जुड़े जैश-ए-फुरासान मोहम्मद गिरोह को ज़िम्मेदार माना जा रहा है।
खबरों के मुताबिक सुबह एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी से बन्नू छावनी के दरवाज़े को उड़ा दिया। इसके बाद आतंकवादी छावनी के अंदर घुस गए जिनकी तादाद शुरुआती खबरों में 8 से 10 बताई जा रही है। हमले में आसपास के नागरिक ठिकानों को भी नुकसान पहुँचा है। घायल नागरिकों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
22 जून को पाकिस्तान की सेना द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान अज़्म-ए-इस्तेहकाम शुरू किए जाने के बाद आतंकवादी ठिकानों पर कई बड़े हमले किए गए हैं। ये अभियान खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में चलाया जा रहा है। बन्नू हमले को तहरीक़े तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी*) का इस अभियान का जवाबी हमला माना जा रहा है।
बन्नू छावनी की स्थापना 1848 में अग्रेज सेना ने की थी और यहाँ से खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोहियों के खिलाफ़ अभियान चलाए जाते हैं।
*प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन