सिंह ने यूरोपीय संघ द्वारा कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (CBAM) की शुरुआत का उदाहरण देते हुए कहा, "कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन ऑफसेटिंग सभी देशों की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, चाहे आप विश्व में कहीं भी हों। भारत, रूस और यूरोपीय संघ सभी को अपने उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता है। यदि आप अपने देश की सीमाओं से परे कोई उत्पाद निर्यात करते हैं, तो आपके अंतिम उपभोक्ता मांग करते हैं कि आप उस उत्पाद से जुड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करें।"
उन्होंने कहा, "अगर मैं यूरोप को निर्यात करता हूं, तो CBAM के अंतर्गत मुझे यह गणना करनी होगी कि मेरे उत्पाद से कितना उत्सर्जन होगा, चाहे वह स्टील हो या अन्य सामान, और फिर उन आयातों पर EU करों का भुगतान करना होगा। यही बात रूस पर भी लागू होती है। चूंकि रूस तेल और गैस का सबसे बड़ा निर्यातक है।"
उन्होंने कहा, "हम कुछ और ग्राहक पाने की आशा कर रहे हैं, मुख्यतः तेल और गैस कंपनियां, क्योंकि वे ही हैं जो अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के बहुत दबाव में हैं।"