भारतीय वायुसेना के बयान के अनुसार, तरंग शक्ति नाम के इस अभ्यास में 10 देशों की वायुसेनाएं अपने एयरक्राफ्ट के साथ हिस्सा लेंगी जबकि 17 देश प्रेक्षक (ऑब्जर्वर) के स्तर पर सम्मिलित होंगे।
भारतीय वायुसेना के उपाध्यक्ष एयर मार्शल एपी सिंह ने बताया कि भारत ने रूस सहित कुल 51 देशों को इन अभ्यास का निमंत्रण भेजा है।
"साझा अभ्यास में वायुसेनाओं को एक-दूसरे से कारगर ढंग से कार्रवाई करना सीखने का अवसर मिलता है। इस अभ्यास से हम दुनिया को भारत की रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की प्रतिबद्धता को भी दिखाएंगे। साझा अभ्यास के दौरान प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी जिससे भारतीय रक्षा उद्योग की प्रगति का पता दुनिया को चलेगा," एयर मार्शल सिंह ने कहा।
पहले चरण में भारत अपने 40 एयरक्राफ्ट भेज रहा है जिसमें फ़ाइटर जेट्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट दोनों होंगे। अभ्यास के दूसरे चरण में भारत 40 एयरक्राफ्ट उतारेगा जिनमें लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी होंगे। भारत इस अभ्यास में स्वदेशी लड़ाकू जेट तेजस के अतिरिक्त रूस मूल के सुखोई-30, मिग-29 दूसरे देशों की वायुसेना के साथ उतारेगा।
भारतीय वायुसेना ने पहले कई बार दूसरे देशों के साथ साझा अभ्यास किए हैं परंतु यह पहला अवसर है जब भारत इतने बड़े स्तर पर बहुराष्ट्रीय साझा अभ्यास कर रहा है। ऐसे साझा अभ्यासों से साथ मिलकर प्राकृतिक आपदा या शांति सेना के स्तर पर काम करने के नए तरीक़े सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है।