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भारत सेना के टैंकों को नए सक्रिय कवच से लैस करने की योजना बना रहा: रिपोर्ट

© AP Photo / Gurinder OsanAn Indian Army Bhishma tank, the locally assembled version of the T-90S tank, rolls in front of vehicle mounted Brahmos missiles during Army Day parade in New Delhi, India, Thursday, Jan. 15, 2009.
An Indian Army Bhishma tank, the locally assembled version of the T-90S tank, rolls in front of vehicle mounted Brahmos missiles during Army Day parade in New Delhi, India, Thursday, Jan. 15, 2009. - Sputnik भारत, 1920, 31.07.2024
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भारतीय सेना के पास 65 बख्तरबंद रेजिमेंटों में 3,500 से अधिक टैंकों में बड़े पैमाने पर स्वदेशी अर्जुन और रूसी डिज़ाइन किए गए T-72 और T-90 हैं जिन्हें DRDO भविष्य में नए "सक्रिय" कवच से लैस करने की योजना बना रहा है।
भारतीय मीडिया ने सूत्रों के माध्यम से बताया कि नए कवच पर काम शुरू हो चुका है। "सक्रिय" कवच में सेंसर होंगे जो हवा से या ज़मीन से दागी गई आने वाली एंटी-टैंक मिसाइल का पता लगाएंगे और खतरे पर प्रतिक्रिया करेंगे।

यह इलेक्ट्रॉनिक सॉफ्टवेयर पर निर्भर एक स्वचालित प्रणाली होगी और जैसे ही सेंसर आने वाले संकट को पहचान लेंगे, यह एंटी-टैंक मिसाइल को विफल करने के लिए हथियार लॉन्च कर देगा।

दरअसल यह एक "अज्ञेय प्रणाली" होने के नाते भारतीय सेना और अन्य ट्रैक किए गए वाहनों के साथ टैंक, बख्तरबंद कार्मिक वाहक (रूसी डिजाइन किए गए बीएमपी) के लिए काम कर सकती है, लेकिन भविष्य में डिजाइन किए जा रहे थल सेना के लड़ाकू वाहनों के लिए भी कार्य कर सकती है।
बता दें कि वर्तमान में टैंकों में कई तरह के प्रतिक्रियाशील कवच होते हैं, जिनमें विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच भी शामिल है, जो आने वाली मिसाइलों के प्रभाव को काफी हद तक रोक सकता है। परंतु "सक्रिय" कवच पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस होगा और टैंकों की बेहतर ढंग से रक्षा करेगा।
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