सेना ने हाल ही में रक्षा मंत्रालय को इनके गठन के लिए आवश्यक सरकारी आदेश Government Sanction Letter (GSL) मसौदा भेजा है।
22 अक्टूबर को यूनाइटेड सर्विसेज़ इंस्टीट्यूट में एक भाषण में सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भी आशा व्यक्त की है कि अगले वर्ष तक IBG कार्य करना आरंभ कर देंगी।
पहले चरण में भारतीय सेना की 17वीं कोर में 5 IBG बनाई जाएंगी, साथ ही 9वीं कोर में भी दो IBG बनाने की तैयारी है। 17वीं कोर उत्तरी यानि चीन की सीमा और 9वीं कोर मुख्य रूप से पाकिस्तान की सीमा की सुरक्षा संभालती हैं।
भारतीय सेना अपने संगठन में बड़े परिवर्तन कर रही है। तीनों सेनाओं की अलग-अलग कमानों को मिलाकर थियेटन कमान बनाने का निर्णय लिया जा चुका है। युद्ध के मैदान में बेहतर तालमेल और गतिशील बनाने के लिए IBG पर भी लंबे अरसे से विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि IBG लड़ाई के मैदान में अधिक प्रभावशाली सिद्ध होंगे। सेना ने दोनों ही कोर के IBG को अलग-अलग युद्धाभ्यासों और वारगेम्स में उतारकर इनको परखा है और इनके प्रदर्शन से संतुष्ट है।
अभी भारतीय सेना का सबसे बड़ा युद्धक संगठन डिवीज़न होता है जिसमें कई ब्रिगेड होती हैं। डिवीज़न में 10 से 12 हज़ार सैनिक और ब्रिगेड में 3-4 हज़ार सैनिक होते हैं। IBG में 5-7 हज़ार सैनिक होंगे यानि ये ब्रिगेड से बड़ी परंतु डिवीज़न से छोटी होंगी। इनकी कमान मेजर जनरल रैंक के अफसर के हाथ में होगी।