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भारतीय सैनिकों को मिली स्वदेशी मशीन पिस्टल "अस्मि"

© Photo : X/@adgpi (Indian army)550 'Asmi' machine pistols
550 'Asmi' machine pistols - Sputnik भारत, 1920, 05.11.2024
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भारतीय सेना ने देश में शत-प्रतिशत स्वदेशी मशीन पिस्टल अस्मि को अग्रिम मोर्चों पर नियुक्त सैनिकों को सौंपना शुरू कर दिया है।
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर जानकारी दी है कि उसने 550 अस्मि मशीन पिस्टलों को उत्तरी कमान में नियुक्त सैनिकों को दिया है।
अस्मि मुख्यतः शहरी क्षेत्रों में निकटीय रूप से आतंकवादियों के साथ होने वाली मुठभेड़ों और विशेष कार्रवाइयों में बहुत उपयोगी है। अस्मि को एक हाथ से उपयोग किया जा सकता है जिससे यह पिस्टल और सबमशीनगन दोनों की तरह कार्य कर सकती है।

अस्मि का डिज़ाइन भारतीय सेना में कार्यरत कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने तैयार किया है जो स्वयं एक इंफेंट्री ऑफिसर हैं और उसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानि DRDO की सहायता से विकसित किया गया है। कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने Sputnik India के साथ अपनी विशेष बातचीत में जानकारी दी थी कि इसे उन्होंने 53 श्रमदिवसों में डिज़ाइन कर लिया था।

अस्मि का वज़न दो किग्रा तक है और इसके बट को अपनी सुविधानुसार मोड़ा जा सकता है। इसमें 33 राउंड की मैगज़ीन आती है जिसे 600 राउंड प्रति मिनट की गति से फ़ायर किया जा सकता है। इसकी रेंज 100 मीटर तक है और इसका छोटा आकार इसे तंग जगह पर कार्य करने के लिए उत्कृष्ट हथियार बनाता है।
भारत बहुत तेज़ी से हथियारों के आयातक से निर्यातक बनने की दिशा में बढ़ रहा है। रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता इस दिशा में पहला कदम है। अस्मि को सेना के अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों को भी दिया जाएगा।
The Mudh-Nyoma Advanced Landing Ground near Line of Actual Control with China in Ladakh - Sputnik भारत, 1920, 04.11.2024
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