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भारतीय सेना की ताक़त में दोहरी बढ़त: 100 K-9 की खरीदी और स्वदेशी हल्के टैंक का फ़ायरिंग परीक्षण

भारतीय सेना की मारक क्षमता में दोहरी बढ़ोत्तरी करने की तैयारी है। भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने 100 सेल्फ प्रोपेल्ड तोप K-9 (वज्र) की खरीदी को स्वीकृति दे दी है और स्वदेशी हल्के टैंक ने लद्दाख में फ़ायरिंग परीक्षण पूरे कर लिए हैं।
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K-9 वज्र के सौदे पर शीघ्र ही आधिकारिक मोहर लगाई जाएगी। अभी भारतीय सेना के पास 100 ऐसी तोपें हैं।

साथ ही रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी कि स्वदेशी हल्के टैंक ज़ोरावर ने लद्दाख में अपनी फ़ायरिंग के सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। रेगिस्तान में अपने फ़ायरिंग परीक्षण पूरे करने के बाद ज़ोरावर को कुछ सप्ताह पहले ऊंचे क्षेत्रों में फ़ायरिंग परीक्षण के लिए लद्दाख भेजा गया था।

K-9 में 155 मिमी की आर्टिलरी गन लगी है जो 18 किमी से लेकर 60 किमी तक की दूरी तक फ़ायर कर सकती है। इसकी रफ्तार 67 किमी प्रति घंटे तक हो सकती हैै। भारत ने 2017 में 100 ऐसी तोपों का सौदा किया था जिनकी आपूर्ति भारतीय सेना को हो चुकी है।
भारत ने खासतौर पर अपनी रेगिस्तानी और मैदानी पश्चिमी सीमा पर इनकी तैनाती करने के लिए इन्हें खरीदा है। लेकिन 2020 में इन्हें लद्दाख में भी तैनात किया गया है। यहां के शून्य से 25-30 डिग्री नीचे के तापमान के लिए इनमें अलग से प्रबंध किए हैं। इनमें किसी टैंक की तरह मज़बूत बख्तर से मिली मज़बूती और तोप की लंबी दूरी की मारक क्षमता का घातक मेल है।
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि स्वदेशी हल्के टैंक ज़ोरावर ने लद्दाख में 13000 फीट की ऊंचाई पर अपने सभी फ़ायरिंग परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। भारत खासतौर पर लद्दाख और पूर्वोत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों के लिए इस कम वज़नी टैंक को विकसित कर रहा है।
केवल 25 टन वज़न के इस टैंक में 105 मिमी की मुख्य गन के अतिरिक्त 12.7 मिमी की एक एंटी एयरक्राफ्ट गन और टैंक रोधी गाइडेड मिसाइलें लगी हैं। इस टैंक को डीआरडीओ और लार्सन एंड टूब्रो मिलकर बना रहे हैं। इसी वर्ष जुलाई में पहली बार इस टैंक के सर्वप्रथम प्रोटोटाइप ने फैक्टरी में अपना परीक्षण पूरा किया। अगले साल इसे आगे के परीक्षणों के लिए सेना को प्रदान किये जाने की संभावना है।
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