दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की, जहां दिसानायके ने दो साल पहले श्रीलंका के "अभूतपूर्व आर्थिक संकट" के दौरान मदद करने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया।
मोदी के साथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य में श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा, "मैंने भारत के प्रधानमंत्री को यह आश्वासन भी दिया है कि हम अपनी भूमि का किसी भी तरह से ऐसे उपयोग की अनुमति नहीं देंगे जो भारत के हित के लिए हानिकारक हो। भारत के साथ सहयोग निश्चित रूप से बढ़ेगा और मैं भारत के प्रति अपने निरंतर समर्थन का आश्वासन देना चाहता हूं।"
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पड़ोसी देश में “समाधान और पुनर्निर्माण” पर चर्चा की और उम्मीद जताई कि श्रीलंका सरकार तमिल अल्पसंख्यकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
बता दें कि रविवार शाम दिल्ली पहुंचे राष्ट्रपति दिसानायके तीन दिनों के लिए भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीलंका में हाल ही में संपन्न राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के बाद राष्ट्रपति दिसानायके की यह पहली भारत यात्रा है।