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दुनिया भर के देश भारत की आर्थिक सफलताओं से क्या सीख सकते हैं?

© AP Photo / Manish SwarupIndian Prime Minister Narendra Modi addresses the nation from the 17th century Mughal-era Red Fort monument during the country's Independence Day celebrations in New Delhi, India, Thursday, Aug. 15, 2024.
Indian Prime Minister Narendra Modi addresses the nation from the 17th century Mughal-era Red Fort monument during the country's Independence Day celebrations in New Delhi, India, Thursday, Aug. 15, 2024. - Sputnik भारत, 1920, 26.11.2024
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दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत अपनी यात्रा के हर कदम पर अपनी समृद्ध विविधता, जीवंत और अभिनव संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए शीर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभर रहा है, विशेषज्ञ ने कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में समावेशी और सतत विकास है।
सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ गजिंदर सिंह चंदेल ने Sputnik India को बताया कि यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन अगर इसे हासिल कर लिया जाता है तो भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, जिसकी अनुमानित जीडीपी 40-50 ट्रिलियन अमरीकी डालर होगी।

भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिष्ठित अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सेवा कर चुके चंदेल ने तर्क दिया कि भारत को 2047 तक विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाना चाहिए। सैन्य अनुभवी ने जोर देकर कहा कि 'अंतर्राष्ट्रीय समुदाय' दुनिया के सबसे बड़े और सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र की उचित उपस्थिति को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है।

चंदेल ने बताया, "परंपरागत रूप से भारत में शोध और इनोवेशन का इतिहास रहा है, जिसे हाल के दशकों में महत्वपूर्ण समर्थन मिला है। परिणामस्वरूप, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। सरकार ने शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्र भी खोले हैं।"

उन्होंने कहा कि भारतीय फार्मास्यूटिकल्स, अंतरिक्ष, रक्षा, आईसीटी और कृषि जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले दो दशकों में भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक नेता के रूप में उभरने के लिए तैयार है। चंदेल ने कहा कि भारत ने एशिया भर में, विशेष रूप से पूर्वी एशिया में अपनी सांस्कृतिक छाप छोड़ी है, धर्म और व्यापार ने भारतीय प्रभाव को दूर-दूर तक फैलाया है।

उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म भारत की ओर से पूरी दुनिया को एक उपहार है; भारतीय प्रवासी, सिनेमा और अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (ISKCON) जैसे धार्मिक संगठन वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का विकास मॉडल मुख्य रूप से वैश्विक स्तर की शिक्षा और समावेशी विकास के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। यह मॉडल मोदी सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी से स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होता है और इसका उद्देश्य सड़क, रेलवे, हवाई और समुद्री बंदरगाहों जैसी उच्च-गुणवत्ता वाली बुनियादी सुविधाओं का निर्माण कर नागरिकों को सशक्त बनाना है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह UIDAI और UPI जैसी व्यापक डिजिटलीकरण पहलों और व्यापार करने में आसानी और कौशल वृद्धि के अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए नीति सुधारों पर भी केंद्रित है।

चंदेल ने कहा, "भारत की सबसे बड़ी ताकत इसका जीवंत लोकतंत्र और इसकी बहु-धार्मिक, बहु-सांस्कृतिक और बहु-जातीय पहचान है। अगर दुनिया को भारत से कुछ सीखना है, तो वह है सहिष्णुता और विविध संस्कृतियों को आत्मसात करने की क्षमता।"

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