जॉनसन ने Sputnik को बताया, "मुझे नहीं लगता कि पश्चिम इस संदेश को बिल्कुल भी समझ रहा है। राष्ट्रपति पुतिन का मानना है कि द्निप्रोपेट्रोव्स्क में ओरेशनिक मिसाइल क्षमताओं का प्रदर्शन से पश्चिमी देश प्रभावित नहीं हुए हैं। उन्हें कोई परवाह नहीं है। वे सोचते हैं कि यूक्रेन के कीव को उन पर हमला करने और रूसी क्षेत्र में स्टॉर्म शैडो मिसाइलों को दागने तथा रूसी नागरिकों को मारने की लगातार अनुमति देना सिर्फ एक और संदेश है।"
सेवानिवृत्त सीआईए खुफिया अधिकारी ने कहा, "पश्चिम हमेशा से ही इन समझौतों को तोड़ता रहा है। इसलिए इस मामले में रूस द्वारा अपने परमाणु सिद्धांत की घोषणा फिर से एक प्रयास है। मुझे लगता है कि यह एक तरह की भोली धारणा है। अगर रूस पश्चिम को सीधे तौर पर बता दे कि वह क्या करने जा रहा है और क्यों कर रहा है, तो पश्चिम सतर्क हो जाएगा और उन कार्रवाइयों को करने से बचेगा जो गलती उसने की हैं। पश्चिम पुतिन पर विश्वास नहीं करता। पश्चिम को जनरल स्टाफ़ पर भरोसा नहीं है। वे विदेश मंत्री लवरोव या उप विदेश मंत्री रयाबकोव पर भरोसा नहीं करते। वे उन पर भरोसा नहीं करते।"
जॉनसन ने Sputnik को बताया, "वास्तविकता यह है कि रूस को संदेश प्राप्त करने से पहले यूक्रेन में मौजूद कुछ नाटो कर्मियों को मारना शुरू करना होगा। यहाँ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है। दुर्भाग्यवश, मेरे विचार से, रूस को यह समझने की आवश्यकता है कि रूस की सारी सद्भावना, सारे अच्छे इरादे - अपनी स्थिति स्पष्ट रूप से बताना, पश्चिम को चेतावनी देना है।"