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मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बलों को भारत समर्थन देना जारी रखेगा: राजनाथ सिंह

मोहम्मद मौमून अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान भारत के प्रमुख रक्षा शिपयार्डों का दौरा करेंगे, जिनमें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और गोवा शिपयार्ड शामिल हैं। इन यात्राओं का उद्देश्य रक्षा सहयोग को मजबूत करने और प्रौद्योगिकी साझा करने के अवसरों की खोज के रास्ते तलाशना है।
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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राजधानी नई दिल्ली में अपने मालदीव के समकक्ष मोहम्मद घासन मौमून से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
दोनों देशों के नेताओं ने बातचीत में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) को मजबूत करने के लिए रक्षा उपकरणों की आपूर्ति जैसी पहलों की समीक्षा की।

सिंह ने कहा, "भारत मालदीव को रक्षा सहयोग के सभी क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के अवसर प्रदान कर रहा है, जिसमें प्रशिक्षण, नियमित अभ्यास, कार्यशालाएं और सेमिनार शामिल हैं ताकि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाई जा सके और साथ ही रक्षा उपकरण और स्टोर की आपूर्ति की जा सके।"

राजनाथ ने आगे कहा कि भारत परियोजनाओं, उपकरणों और प्रशिक्षण के माध्यम से मालदीव और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल को उनके क्षमता निर्माण प्रयासों में समर्थन देना जारी रखेगा। एक विश्वसनीय भागीदार और एक करीबी दोस्त के रूप में उन्होंने मालदीव के रक्षा मंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि भारत मालदीव को उसकी विकास आवश्यकताओं और उसके लोगों के कल्याण में समर्थन देना जारी रखेगा।
पिछले सप्ताह विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नई दिल्ली में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील से भेंट की। जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा, "अक्टूबर में राष्ट्रपति मुइज्जू की यात्रा के बाद से कुछ महत्वपूर्ण और सकारात्मक विकास हुए हैं।
इससे पहले मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून से पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने अक्टूबर 2024 में भारत की राजकीय यात्रा की थी। हालांकि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू "इंडिया आउट" अभियान के दम पर सत्ता में आए जिसके बाद से ही भारत और मालदीव के बीच संबंधों में खटास बढ़ गई थी।
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