रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से Sputnik इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की प्रगति दिखाने वाली आकाश एयर डिफेंस मिसाइल, पिनाका रॉकेट लांचर और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग परेड का आकर्षण होंगी।
भारतीय सेना की तोपों की पंक्ति में लगभग 150 ग्रेड रॉकेट लांचर्स हैं। इसमें मुख्यतः विशेष रूप से निर्मित ट्रक पर लगाने वाले रॉकेट लांचर जिसमें 122 मिमी कैलिबर के 40 रॉकेट होते हैं। इन सभी रॉकेट्स को मात्र 20 सेकंड में दागा जा सकता है यानि हर सेकंड में दो रॉकेट्स फ़ायर हो सकते हैं। इनकी रेंज 50 किमी तक होती है। भारतीय सेना मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाक़ों में ग्रेड का इस्तेमाल करती है।
भारतीय सेना के आक्रामक प्रहारी दस्तों का मुख्य हथियार टी-90 टैंक और इसके साथ चलने वाले इंफेंट्री सैनिकों को ले जाने वाली बीएमपी बख्तरबंद गाड़िया भी कर्तव्य पथ पर परेड का हिस्सा होंगी। टी-90 टैंक को भारतीय सेना ने 2020 में चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद पूर्वी लद्दाख में नियुक्त किया है जो इस टैंक की अभी तक की सबसे ऊंचे स्थान पर होंने वाले तैनाती है। ये तीनों ही हथियार रूसी मूल के हैं जिन्हें बड़े स्तर पर भारतीय सेना इस्तेमाल करती है।
स्वदेशी हथियार प्रणालियों में भारत-रूस का संयुक्त उत्पादन ब्रह्मोस मिसाइल आम नागरिकों के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। ब्रह्मोस को भारत की जल,थल एवं वायु सेनाएं प्रयोग कर रही है और इसे फिलीपींस को निर्यात भी किया गया है। स्वदेशी पिनाका मल्टी रॉकेट लांचर भी परेड में प्रदर्शित होगा जिसे भारतीय सेना बड़े स्तर पर सम्मिलित कर रही है। पिनाका को आर्मनिया को निर्यात भी किया जा रहा है। स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस सिस्टम और नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के सफल उत्पादन हैं, जिन्हें गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित होंने वाले सैन्य प्रणालियों की सूची में जोड़ा गया है।