रिपोर्ट में कहा गया, "कुडनकुलम एनपीपी की यूनिट 6 के लिए वीवीईआर-1000 रिएक्टर पोत, जिसे रूसी डिजाइन के अनुसार भारत में बनाया जा रहा है, जिसको निर्माण स्थल पर ले जाया जा रहा है। 320 टन वजन वाले उपकरण का निर्माण रोसाटॉम के मशीन निर्माण प्रभाग यानी एटमॉश संयंत्र में किया गया और ग्राहक को भेज दिया गया।"
कुडनकुलम एनपीपी भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है और रूसी-भारतीय तकनीकी और ऊर्जा सहयोग की एक प्रमुख परियोजना है। कुडनकुलम एनपीपी के निर्माण में वीवीईआर-1000 रिएक्टरों के साथ छह बिजली इकाइयों का निर्माण शामिल है, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 6 गीगावाट है।
बिजली इकाई नंबर 1 और 2 को 2013 और 2016 में भारत के राष्ट्रीय पावर ग्रिड से जोड़ा गया और वे दक्षिणी भारतीय क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति करते हैं। वर्तमान में, इकाई नंबर 3 और 4 पर निर्माण और स्थापना कार्य पूर्ण होने वाला है, और तीसरे चरण की दो बिजली इकाई नंबर 5 और 6 का निर्माण आरंभ हो गया है। रोसाटॉम कुडनकुलम एनपीपी की विद्युत इकाइयों को उनके सम्पूर्ण जीवन चक्र के दौरान ईंधन उपलब्ध कराता है।