"भारत ने जो रक्षा बजट बढ़ाया है, इसमें सेनाओं और रक्षा विज्ञान पर खर्च बढ़ाया गया है। इस बारे में कहा जा रहा है कि बहुत ज़्यादा 12% बढ़ा दिया गया है, मैं कहता हूँ यह बढ़ोत्तरी कुछ भी नहीं है। ये अभी भी पर्याप्त नहीं है। यदि हमें 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना है, तो हम जितना अब अपने रक्षा विज्ञान के ऊपर खर्च करते हैं, उससे कम से कम दोगुना करना पड़ेगा तब हम विकसित राष्ट्र बन सकते हैं," रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व वैज्ञानिक और प्रवक्ता रहे रवि गुप्ता ने Sputnik India को बताया।
भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनज़र हथियारों की जो एक होड़ मची है, ऐसे में भारत रक्षा बजट का उपयोग अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कैसे कर सकता है इस सवाल पर गुप्ता ने कहा "इतिहास गवाह है कि भारत ने कभी किसी के ऊपर हमला नहीं किया। तो अगर कोई यह कहता है कि भारत हथियारों के क्षेत्रीय होड़ के चलते अपनी सेनाओं को सुदृढ़ बना रहा है, उनको ज़्यादा सक्षम बना रहा है तो इसमें कोई सच नहीं है। [...] हमें अपने देश की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और अपनी सेनाओं को मजबूत बनाने का हमें पूरा अधिकार है, हमें बनाना चाहिए और हम बनाएंगे।"