भारत-रूस संबंध
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रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने विगत 20 वर्षों में भारत के साथ 50 बिलियन डॉलर के अनुबंधों पर किए हस्ताक्षर

रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने पिछले 20 वर्षों में भारत के साथ 50 अरब डॉलर के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं, इस रूसी सरकारी रक्षा निगम के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेयेव ने कहा।
Sputnik
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए नवीनतम इंजन पहली बार एयरो इंडिया प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया जाएगा, रूस की हथियार निर्माता कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के महानिदेशक ने कहा।

"भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रूस के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक है और विश्व में रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के प्रमुख साझेदारों में से एक है। पिछले 20 वर्षों में, 2005 से 2025 तक, रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने भारत के साथ 50 बिलियन डॉलर के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि इस देश को रूसी सैन्य आपूर्ति की कुल मात्रा लगभग 80 बिलियन डॉलर है," कंपनी की प्रेस सेवा ने मिखेयेव के हवाले से कहा।

मिखेयेव के अनुसार, रोसोबोरोनएक्सपोर्ट अपने साझेदारों को सैन्य विमानों, हेलीकॉप्टरों, वायु रक्षा प्रणालियों, बख्तरबंद वाहनों और गोला-बारूद के संयुक्त विकास और उत्पादन के लिए बड़े स्तर पर परियोजनाओं को प्रस्तुत करता है और तीसरे देशों में इन उत्पादों को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने की संभावना पर भी चर्चा करने के लिए तैयार है।
विदित है कि भारत में एयरो इंडिया 2025 में, नवीनतम रूसी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान Su-57E को पहली बार प्रदर्शित किया जाएगा। इसका उड़ान प्रदर्शन येलाहांका वायु सेना बेस हवाई क्षेत्र के ऊपर आकाश में सम्मानित परीक्षण पायलट, रूसी संघ के हीरो सर्गेई बोगदान द्वारा किया जाएगा।
बता दें कि भारत के लिए यह पहली बार होगा जब लैंसेट-ई प्रणाली का प्रदर्शन किया जाएगा, जो वास्तविक परिस्थितियों में अपने असाधारण सफल प्रयोग के कारण अपने बाजार खंड में अलग पहचान रखता है।
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