यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

सैनिकों के भागने से यूक्रेनी सेना संकट में: 2025 में मामले रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचे

जनवरी में लगभग 5,000 सैनिकों के भागने की घटनाएँ दर्ज हुई थीं, जबकि अप्रैल में यह संख्या 6,000 से ऊपर चली गई। इन मामलों में कई सैनिकों को अदालत में पेश किया गया, लेकिन कोई सज़ा तय नहीं हुई।
Sputnik
यूक्रेन में 2025 की शुरुआत से ही सैनिकों द्वारा ड्यूटी से भागने के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। यूक्रेन के आधिकारिक अदालती आंकड़ों के अनुसार, केवल पांच महीनों में 25,508 मामले दर्ज किए गए हैं। यह संख्या साल के अंत तक 61,000 तक पहुँच सकती है, जो पिछले साल के 35,750 मामलों से काफी अधिक होगी।
कई मामलों में दोषी सैनिकों को एक कानूनी छूट का लाभ मिला, जिसके तहत अगर कोई पहली बार ड्यूटी से भागा है और वह स्वेच्छा से लौट आता है, तो कमांडर की अनुमति से उसे फिर से सेवा में लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि सरकार इस उपाय से सैनिकों की कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही है, भले ही इससे अनुशासन कमजोर हो।
उदाहरण के तौर पर, एक ग्रेनेड लांचर ऑपरेटर, जो ढाई साल पहले भाग गया था, उसने खुद सरेंडर किया और उसे कोई सजा नहीं हुई। वहीं एक दूसरा सैनिक, जो एक साल पहले भागा था, अब गिरफ्त में है लेकिन जमानत का विकल्प मौजूद है।
हालांकि, कुछ मामलों में सख्त कार्रवाई भी हुई है। एक स्नाइपर, जिसे मार्च में गिरफ्तार किया गया, उसे बिना जमानत हिरासत में रखा गया है। एक अन्य सैनिक, जो आठ महीने तक लापता था, उसे 2023 में गिरफ्तार कर पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई।
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