उन्होंने कहा, "भारत सरकार ने कुछ ऐसी चीजें कीं जो आम तौर पर अमेरिका को नापसंद थीं। उदाहरण के लिए, आप आम तौर पर रूस से अपना सैन्य साजो-सामान खरीदते हैं। अगर आप रूस से हथियार खरीदने जा रहे हैं तो यह अमेरिका को परेशान करने का एक तरीका है।"
रूसी हथियारों की खरीद को लेकर अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक की टिप्पणी उस समय आई है जब रूस पुष्टि कर चुका है कि भारत को अगले वर्ष तक एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की शेष इकाइयां मिल जाएंगी।
अमेरिकी डॉलर के समर्थन पर टिप्पणी करते हुए अमेरिकी वाणिज्य सचिव ने कहा कि डॉलर और उसके वर्चस्व का समर्थन न करना वास्तव में अमेरिका में दोस्त बनाने और लोगों को प्रभावित करने का तरीका नहीं है।
लुटनिक ने कहा, "ब्रिक्स का हिस्सा बनना सही है? इसका तात्पर्य है कि चलो डॉलर और डॉलर के वर्चस्व का समर्थन न करें। यह वास्तव में अमेरिका में लोगों को दोस्त बनाने और प्रभावित करने का तरीका तो नहीं है।"