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विदेश नीति में दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं: रूस के साथ साझेदारी पर जयशंकर

© Getty Images / Sean GallupIndian Foreign Minister Subrahmanyam Jaishankar and German Foreign Minister Johann Wadephul (not pictured) speak to the media following talks on May 23, 2025 in Berlin, Germany. India and Germany are seeking stronger economic cooperation.
Indian Foreign Minister Subrahmanyam Jaishankar and German Foreign Minister Johann Wadephul (not pictured) speak to the media following talks on May 23, 2025 in Berlin, Germany. India and Germany are seeking stronger economic cooperation. - Sputnik भारत, 1920, 26.05.2025
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भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने जर्मन पत्रकार मथायस विसुवा से हाल ही में हुए पाकिस्तान के साथ संघर्ष, रूस के साथ साझेदारी और जर्मनी की आतंकवाद को लेकर राय पर बात की।
रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर पूछे गए प्रश्न पर विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत की विदेश नीति को लेकर कहा कि यह व्यावहारिकता और राष्ट्रीय हितों पर आधारित है, और उसे लेकर दोहरे मानदंड स्वीकार नहीं किए जा सकते।
भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर से यह पूछा गया कि "आपने एक बार कहा था कि विदेश नीति में केवल लागत ही नहीं, बल्कि भावनाएं और विश्वास भी अहम होते हैं। यह उन समाजों के साथ काम करने में सहजता पर आधारित है जिनके साथ आप मूल्य साझा करते हैं तो फिर भारत की रूस जैसे आक्रामक और सत्तावादी देश के साथ साझेदारी कैसे मेल खाती है?" इस पर उन्होंने तीखा और स्पष्ट जवाब दिया।

जयशंकर ने पलटकर पूछा, "क्या जर्मनी चीन के साथ व्यापार करता है? हां, करता है। और आप इस बात से सहमत होंगे कि चीन की एक अलग राजनीतिक-सामाजिक व्यवस्था है।"जब यह तर्क दिया गया कि चीन ने किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है, जयशंकर ने कहा, "आप ऐसा लग रहे हैं जैसे आप उन देशों के साथ व्यापार कर सकते हैं जो अलग हैं, लेकिन हम नहीं कर सकते। उन्होंने आगे उदाहरण देते हुए कहा, "मेरे पड़ोसी पाकिस्तान ने परमाणु हथियार बनाने से लेकर उन्हें गैर-जिम्मेदार भागीदारों को ट्रांसफर करने और आतंकवाद फैलाने तक हर संभव समस्या खड़ी की है। लेकिन क्या जर्मनी पाकिस्तान के साथ व्यापार नहीं करता?"

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु संघर्ष को लेकर जयशंकर ने कहा कि दिल्ली और इस्लामाबाद परमाणु संघर्ष के बहुत दूर थे, और यह किसी भी बिंदु पर परमाणु स्तर तक नहीं पहुंचा था।हमने सावधानी पूर्वक आतंकवादी लक्ष्यों को चुना था।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "हमारे पास आतंकवादी लक्ष्य थे। वे बहुत ही सोचे-समझे, सावधानीपूर्वक विचार किए गए और बिना किसी अतिशीघ्रता में लिए गए कदम थे। उसके बाद, पाकिस्तानी सेना ने हम पर गोलीबारी की। हम उन्हें दिखाने में सक्षम थे कि हम उनकी वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर सकते हैं। फिर उनके अनुरोध पर गोलीबारी बंद हो गई।"

आतंकवाद को लेकर भारत की स्थिति को जर्मनी द्वारा समझे जाने पर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि जर्मनी उनकी स्थिति से सहमत है। विदेश मंत्री वाडेफुल ने पदभार ग्रहण करने के पहले दिन ही मुझसे बात की थी।

उन्होंने इंटरव्यू में बताया, "आतंकवाद के प्रति हमारी शून्य-सहिष्णुता नीति के लिए हमें मजबूत समर्थन मिला है। हमारे अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को यह स्पष्ट है कि आतंकवाद का जवाब दिया जाना चाहिए और आतंकवादियों को भारत जैसे हमलों से बचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। आतंकवाद एक ऐसा आम संकट है। आज हमारा देश प्रभावित है, कल यह आपका भी हो सकता है।"

Subrahmanyam Jaishankar, India's external affairs minister, attends the Quadrilateral Security Dialogue (Quad) ministerial meeting on July 29, 2024 in Tokyo, Japan.  - Sputnik भारत, 1920, 16.05.2025
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