चीन की राजधानी बीजिंग के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अर्थशास्त्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. जॉन गोंग ने Sputnik को बताया कि अमेरिका की धमकी के बावजूद ब्रिक्स देशों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रोफेसर डॉ. जॉन गोंग ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि ब्रिक्स समूह के बाकी देशों पर रूस के साथ व्यापार न करने की धमकी का कोई असर होगा।"
डॉ. जॉन गोंग ने आगे बताया कि 2025 के रूस प्रतिबंध अधिनियम के तहत ब्रिक्स देशों पर 100-500% द्वितीयक टैरिफ लगाया जाएगा, हालांकि अभी तक राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा कानून पर हस्ताक्षर नहीं किये गए हैं।
विशेषज्ञ ने बताया, "रूस प्रतिबंध अधिनियम पर ना तो ट्रम्प ने हस्ताक्षर किए हैं और ना ही इसे सीनेट द्वारा पारित किया गया है। तो यह अंततः एक खोखली धमकी ही रहेगी।"
अमेरिका द्वारा भारत और चीन द्वारा रूसी तेल खरीद पर रोक लगाने के बारे में बात करते हुए डॉ. जॉन गोंग ने कहा कि अमेरिका द्वारा रूसी तेल की खरीद के रोके जाने पर वैश्विक तेल की कीमतें आसमान छू जाएँगी।
उन्होंने कहा, "भारत और चीन रूस के तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं, और किसी भी तरह की रोक लगाए जाने पर दोनों देश इस वस्तु के लिए बढ़ी हुई कीमतें नहीं देना चाहते।"
अमेरिका इस हाइब्रिड युद्ध में विफल हो चुका है, जोहान्सबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एलेक्सिस हबियारेमी ने Sputnik को बताया। उन्होंने कहा, "ट्रम्प का प्रभाव बहुत सीमित है," और "रूस के खिलाफ चलाया जा रहा प्रॉक्सी सैन्य टकराव भी सफल नहीं रहा है।"
हबियारेमी के अनुसार, "उन राजनीतिक युद्धों के विपरीत जिनमें अमेरिका अपने सहयोगियों और अधीनस्थों के साथ मिलकर काम करता है, ट्रम्प का आर्थिक युद्ध अब वाशिंगटन के दुश्मनों के साथ-साथ उसके सहयोगियों के खिलाफ़ भी छेड़ा जा रहा है। और यह रणनीति आत्मघाती साबित हो रही है।"