ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी द्वारा किया गया सबसे बड़ा रक्षा सौदा है। भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस मार्क 1A का उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) 66500 करोड़ रुपए की लागत से करेगा।
यह उन 83 तेजस मार्क 1A के अतिरिक्त हैं जिनका फरवरी 2021 में लगभग 47000 करोड़ रुपए का ऑर्डर HAL को दिया गया था।
लगभग चार वर्ष पहले दिए गए इस ऑर्डर का पहला जेट अगले कुछ महीने में भारतीय वायुसेना को मिलने की आशा है। दोनों ऑर्डर को मिलाकर भारतीय वायुसेना को 180 तेजस मार्क 1A मिलेंगे जिसके बाद उनकी संख्या भारतीय वायुसेना में सुखोई-30 के बाद सबसे ज्यादा हो जाएगी।
HAL ने इस बड़े ऑर्डर के लिए प्रति वर्ष 24 से 30 जेट के उत्पादन का लक्ष्य रखा है जिन्हें बेंगलुरू के अतिरिक्त नाशिक स्थित निर्माण इकाई में बनाया जाएगा। अभी भारतीय वायुसेना में कुल 40 तेजस मार्क 1 जेट हैं।
AEW&C को एयर इंडिया से खरीदे गए 6 पुराने एयरबस-321 विमानों से तैयार किया जाएगा। इन यात्री विमानों में पहले उपकरणों को लगाने के लिए आवश्यक बदलाव किए जाएंगे और इसे सुदृढ़ किया जाएगा। इसके बाद इसमें रडार और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाएंगे।
अभी भारतीय वायुसेना के पास 3 नेत्र AEW&C विमान हैं जिन्हें एंब्रायर जेट पर स्वदेशी उपकरण लगाकर तैयार किया गया है। इनके अतिरिक्त रूसी आईएल-76 पर इज़रायली फाल्कन रडार लगाकर तैयार किए गए तीन अवाक्स हैं।