भारतीय एयर डिफेंस को मजबूत करना जारी, नए रडार की खरीद
© Getty Images / Hindustan TimesDRDO's Air Defence Tactical Control Radar (ADTCR) seen during the full dress rehearsal for the upcoming Republic Day Parade, at Rajpath on January 23, 2020 in New Delhi, India.

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ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की तरफ़ से ड्रोन की बाढ़ का सामना करने के बाद अब भारतीय सेना अपनी एयर डिफेंस को ज्यादा मज़बूत कर रही है। भारतीय सेना अपने एयर डिफेंस सिस्टम्स के लिए नए वायु रक्षा फायर नियंत्रण रडार और ड्रोन डिटेक्टर (ADFCR-DD) खरीदने की तैयारी में है।
भारतीय सेना द्वारा जारी सूचना के अनुसार यह सिस्टम एयर डिफेंस गन एल-70 के साथ काम करेंगे और यह छोटे से छोटे ड्रोन को पहचानकर उसे नष्ट करने में सक्षम होंगे। सिस्टम का सर्च रडार एक साथ 16 टार्गेट्स को तलाश करने में सक्षम होगा। ट्रैक रडार 12 किमी की दूरी से टार्गेट को ट्रैक करना शुरू कर देगा।
ADFCR-DD दिन और रात हर समय ड्रोन, हेलीकॉप्टर हमले का पता लगाएगा और इसकी जानकारी एयर डिफेंस गन या कंधे से चलाई जाने वाली एयर डिफेंस मिसाइल (VSHORADS) को उपलब्ध कराएगा। यह हर तरह के इलाक़े में चलाए जा सकने वाले वाहन पर लगाया जाएगा जिससे उसे तुरंत आवश्यक स्थान पर भेजा जा सके।
भारतीय सेना द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार इस सिस्टम को ऊंचाई वाले क्षेत्रों, रेगिस्तान या मैदानी सभी जगह तैनात करने के लिए बनाया जाएगा। यह शून्य से 20 डिग्री कम से लेकर 45 डिग्री तक तापमान में काम करने लायक होगा।
भारतीय सेना ने पहली बार मई में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमलों का सामना करने का अनुभव प्राप्त किया है। पाकिस्तान ने 7 मई से 10 मई तक लद्दाख से लेकर भुज तक पर बहुत बड़ी तादाद में ड्रोन हमले किए थे जिन्हें नाकाम कर दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना और वायुसेना द्वारा की गई कार्रवाई में रूस से खरीदे गए एयर डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब भारतीय सेना अपने पुराने एयर डिफेंस सिस्टम को नए रडार से ज्यादा प्रभावी बना रही है।