राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश में रण संवाद 2025 में अपने संबोधन में कहा कि आज भारत को सिर्फ रक्षात्मक तैयारी की ही नहीं, बल्कि एक सक्रिय रणनीति की भी आवश्यकता है, क्योंकि भविष्य के युद्ध तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अर्थव्यवस्था और कूटनीति का मिला-जुला रूप होंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा, "आने वाले समय में, जो राष्ट्र प्रौद्योगिकी, रणनीति और अनुकूलनशीलता के त्रिकोण में निपुण होगा, वही सच्ची वैश्विक शक्ति के रूप में उभरेगा। सीधे शब्दों में कहें तो, यह इतिहास से सीखने और एक नया इतिहास लिखने का समय है। यह भविष्य का अनुमान लगाने और उसे आकार देने का समय है।"
साथ ही उन्होंने रेखांकित किया कि "भारत ने कभी युद्ध नहीं चाहा, कभी किसी के खिलाफ आक्रामकता शुरू नहीं की और आक्रामक इरादा नहीं रखा है, लेकिन अगर चुनौती दी गई तो राष्ट्र ताकत से जवाब देगा।"
सिंह ने निष्कर्ष निकाला, "आज, दुनिया में, जो भी देश युद्ध का मैदान तय करता है, वही खेल और उसके नियमों को नियंत्रित करता है। हमारा प्रयास युद्ध के मैदान और खेल के नियमों को स्वयं निर्धारित करना होना चाहिए ताकि विरोधी पक्ष को वहाँ लड़ने के लिए मजबूर किया जा सके, ताकि बढ़त हमेशा हमारे पास रहे।"