पीएम मोदी ने कहा, "जैसे हमने अंतरिक्ष नवाचार को निजी क्षेत्र के लिए खोला, वैसे ही, हम एक बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी कदम उठाने जा रहे हैं। हम परमाणु क्षेत्र को भी खोलने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में भी हम निजी क्षेत्र की सशक्त भूमिका की नींव रखने जा रहे हैं। इससे छोटी परमाणु ऊर्जा, उन्नत रिएक्टर्स और परमाणु नवाचार में अवसर बनेंगे। यह बदलाव हमारी ऊर्जा सुरक्षा और तकनीकी नेतृत्व को नई शक्ति देगा।"
उन्होंने आगे बताया कि साइकिल पर रॉकेट के पुर्जे ले जाने से लेकर दुनिया के सबसे भरोसेमंद प्रक्षेपण वाहन बनाने तक, भारत ने साबित किया कि सपनों की ऊँचाई संसाधनों से नहीं बल्कि पक्के इरादे से तय होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत के अंतरिक्ष तंत्र में निजी क्षेत्र बड़ी उड़ान भर रहा है। स्काईरूट का इंफिनिटी कैंपस भारत की नई सोच, नवाचार और सबसे बड़ी बात युवा शक्ति का प्रतिबिंब है। हमारी युवा शक्ति में नवाचार, जोखिम उठाने की क्षमता और उद्यमिता का जज्बा आज नई बुलंदी छू रहा है। और आज यह कार्यक्रम इस बात की झलक है कि आने वाले समय में भारत वैश्विक सैटेलाइट प्रक्षेपण तंत्र में एक लीडर बनकर उभरेगा।"