विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इसरो अंतरिक्ष में 75 टन भार ले जाने वाले 40 मंजिला ऊंचे रॉकेट पर कर रहा काम: इसरो प्रमुख

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ISRO - Sputnik भारत, 1920, 19.08.2025
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने मंगलवार को कहा कि एजेंसी 40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा एक रॉकेट विकसित कर रही है, जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा में 75,000 किलोग्राम पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए नारायणन ने आगामी परियोजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिनमें नाविक (भारतीय नक्षत्र के साथ नेविगेशन) उपग्रह, एन1 रॉकेट और भारतीय प्रक्षेपण वाहनों का उपयोग करके अमेरिका के 6,500 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह का प्रक्षेपण शामिल है।

उन्होंने जोर देकर कहा, "आपको पता है, रॉकेट की क्षमता कितनी होती है? पहला लॉन्चर, (डॉ. एपीजे) अब्दुल कलाम जी ने बनाया था, वो 17 टन का था, जो 35 किलोग्राम वज़न को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुँचाने में सक्षम था। वर्तमान में हम 75,000 किलोग्राम भार को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने के लिए एक रॉकेट पर विचार कर रहे हैं। यह रॉकेट 40 मंज़िला इमारत जितनी ऊँचाई का है।"

इसके अलावा उन्होंने कहा कि "इसरो इस वर्ष के भीतर प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह (TDS) और जीसैट-7आर, जो भारतीय नौसेना के लिए एक सैन्य संचार उपग्रह है, को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है, जो जीसैट-7 (रुक्मिणी) का स्थान लेगा।"

इसरो अध्यक्ष ने रेखांकित किया, "वर्तमान में भारत के 55 उपग्रह कक्षा में हैं। अगले तीन-चार वर्षों में यह संख्या तीन गुना तक बढ़ाई जाएगी।"

In this handout photo released by the Russian Space Agency Roscosmos, the Soyuz-2.1b carrier rocket with a Meteor-M 2-4 weather satellite and 18 Russian and foreign cubesats, is set at the launchpad ahead of its upcoming launch at the Vostochny cosmodrome in Amur Region, Russia - Sputnik भारत, 1920, 19.08.2025
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