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डूरंड रेखा विवाद को लेकर पाकिस्तान और तालिबान के बीच घातक झड़पें

© AFP 2023 -A Taliban security personnel stands guard at the Afghanistan-Pakistan border in Spin Boldak on December 12, 2022.
A Taliban security personnel stands guard at the Afghanistan-Pakistan border in Spin Boldak on December 12, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 15.12.2022
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चमन-स्पिन बोल्डक सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सबसे प्रचलित पारगमन स्थानों में से एक है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को चमन-स्पिन बोल्डक सीमा पर तालिबान* गार्डों ने पाकिस्तान की ओर भारी तोपों का प्रयोग करके गोलाबारी की जिससे कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि सीमा की रक्षा करती पाकिस्तान की फ्रंटियर कोर (एफसी) ने जवाब में गोलाबारी की, जिसके परिणामस्वरूप सीमा पर बड़ी गोलीबारी हुई और नागरिकों और मालों के आवागमन में समस्या सामने आई।
अधिकारियों ने कहा कि झड़पें उसके बाद हुईं जब डुरंड रेखा पर पाकिस्तानियों द्वारा किए जा रहे बाड़ की मरम्मत पर तालिबान के गार्डों ने आपत्ति जताई थी।
चमन में स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि उस स्थान में सीमा बंद है, और घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है।
डूरंड रेखा विवाद क्या है?
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,670 किलोमीटर लंबी डूरंड रेखा 1893 में ब्रिटिश उपनिवेशवादियों द्वारा खींची गई थी। हालाँकि किसी भी अफ़ग़ान सरकार ने कभी सीमा को मान्यता नहीं दी है।

तालिबान डूरंड रेखा पर बाड़ की मरम्मत पर लगातार आपत्ति जताता है, जो इस्लामाबाद द्वारा अपने क्षेत्रीय दावों को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है।

पिछले सप्ताह के बाद यह दूसरी बार है जब चमन-स्पिन बोल्डक सीमा पर तालिबान और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। सप्ताहांत में तालिबान द्वारा भारी तोपें और मोर्टार का प्रयोग करने के बाद सात पाकिस्तानी लोगों की मौत होगई ।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्लामाबाद की जवाबी कार्रवाई में तालिबान के एक गार्ड की भी मौत हुई।
पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने "अकारण आक्रामण" के खिलाफ "उचित प्रतिक्रिया" दी।
इस से पहले काबुल में पाकिस्तान के राजनयिक मिशन पर दाएश ** के आतंकवादियों ने हमला किया था। उसको अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत उबैद-उर-रहमान निजामानी के खिलाफ "हत्या" का प्रयास समझा गया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलोच ने गुरुवार को एक ब्रीफिंग के दौरान कहा कि जैसे ही तालिबान हमारे राजदूत की सुरक्षा का आश्वासन देगा वैसे ही उन्हें वापस काबुल भेज दिया जाएगा।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस्लामाबाद सीमा पर हुई घटना की जांच करने के लिए काबुल से संपर्क में था।
हाल के महीनों में पाकिस्तान और तालिबान के बीच डूरंड रेखा पर तनाव के कारण और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)*** द्वारा आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि के कारण संबंध खराब हो गए हैं। इसके नेता अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में मौजूद हैं।
* आतंकवाद के कारण संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित
** दाएश, जिसे आईएस/आईएसआईएस/इस्लामिक स्टेट भी कहा जाता है, रूस और दुनिया भर में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है
*** रूस में प्रतिबंधित
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