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आईएमएफ के कार्यक्रम को लागू करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं: पाकिस्तान पीएम

© AP Photo / Anjum NaveedPakistan's opposition leader Shahbaz Sharif speaks during a press conference after the Supreme Court decision, in Islamabad, Pakistan, Thursday, April 7, 2022.
Pakistan's opposition leader Shahbaz Sharif speaks during a press conference after the Supreme Court decision, in Islamabad, Pakistan, Thursday, April 7, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 28.12.2022
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पाकिस्तान का विदेशी ऋण सितंबर 2022 तिमाही में 126.9 अरब अमेरिकी डॉलर पर जा पहुंचा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण किस्त और रुपये के अवमूल्यन ने ऋण संख्या में काफी वृद्धि की है।
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनकी सरकार के पास नकदी की कमी वाली अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम को लागू करने के अलावा "कोई अन्य विकल्प नहीं" था।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कभी भी मूल्य वृद्धि का बोझ जनता पर नहीं डालना चाहती थी।

स्थानीय मीडिया ने शहबाज शरीफ के हवाले से कहा कि उन्हें इस बात का खेद है कि यदि सरकार किसी क्षेत्र में सब्सिडी भी देना चाहती है, तो इसके लिए आईएमएफ से सहायता लेनी होगी, यह तकलीफदेह होने के बावजूद एक सच्चाई है।

गौरतलब है, कि पाकिस्तान ने ठप पड़े छह अरब डॉलर के आईएमएफ कार्यक्रम को इस वर्ष पुनजीर्वित किया है जिस पर वर्ष 2019 में सहमति हुई थी। हालांकि, इसके लिए शर्तें बहुत अधिक सख्त हैं जिसका पालन करने में देश को कठिनाई आ रही है।
बता दें कि वर्ष 2019 में पाकिस्तान ने आईएमएफ से 6 अरब डॉलर का कर्ज लेने का समझौता किया था। यह राशि पाकिस्तान को तीन वर्षों में अलग अलग किश्तों में दी जानी थी। हालांकि, इसी दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के राजनीतिक निर्णय को आईएमएफ के शर्तों का उल्लंघन करार देते हुए संस्था की ओर से कर्ज जारी रखने पर रोक लगा दी गई थी।
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