पाकिस्तानी सेना ने आतंकवाद को मिटाने की कसम खाई
© AP Photo / Anjum NaveedPolice officers stand guard at the site of bomb explosion, in Islamabad, Pakistan, Friday, Dec. 23, 2022.
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मानवता के लिए नासूर बन चुके आतंकवाद वैश्विक चिंता का विषय बन गया है क्योंकि यह संगठित अपराध, गैर क़ानूनी वित्तीय लेन देन, हथियार तथा मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के साथ समायोजित हो गया है, जो सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करके देश से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने का संकल्प लिया।
रावलपिंडी में जनरल हेड-क्वार्टर में आयोजित 254वें कोर कमांडरों के सम्मेलन में यह संकल्प लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने की।
थल सेना ने एक बयान में कहा कि बैठक में कमांडरों द्वारा सेना के पेशेवर और संगठनात्मक विषयों की व्यापक तौर पर समीक्षा की गई।
रावलपिंडी में जनरल हेड-क्वार्टर में आयोजित 254वें कोर कमांडरों के सम्मेलन में यह संकल्प लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने की।
थल सेना ने एक बयान में कहा कि बैठक में कमांडरों द्वारा सेना के पेशेवर और संगठनात्मक विषयों की व्यापक तौर पर समीक्षा की गई।
"आतंकवादियों के खिलाफ बगैर किसी भेदभाव के लड़ने और पाकिस्तान के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप इस बुराई को खत्म करने का संकल्प लिया गया," सेना ने बयान में कहा।
बता दें कि पाक इंस्टीट्यूट ऑफ पीस स्टडीज (पीआईपीएस) की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल में तालिबानी* शासन आने के बाद से अगस्त 2021 से 2022 के बीच पाकिस्तान में 250 आतंकवादी हमले हुए जिनमें 433 लोगों की जान गई और 719 अन्य घायल हुए।
दरअसल इसी साल जून में पाकिस्तान की शाहबाज सरकार के साथ संघर्षविराम खत्म होने के बाद तहरीके-ए- तालिबान पाकिस्तान (टीपीपी)* ने अपने लड़ाकों से देश में कहीं भी हमले करने का आदेश दिया है। जिसके बाद पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं बढ़ गई है।
दरअसल इसी साल जून में पाकिस्तान की शाहबाज सरकार के साथ संघर्षविराम खत्म होने के बाद तहरीके-ए- तालिबान पाकिस्तान (टीपीपी)* ने अपने लड़ाकों से देश में कहीं भी हमले करने का आदेश दिया है। जिसके बाद पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं बढ़ गई है।
*रूस में प्रतिबंधित