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रूसी लोग हर सर्दियों में ठंडे पानी में क्यों स्नान करते हैं?

© Sputnik / Pavel Lisitsyn / मीडियाबैंक पर जाएंA woman bathing in a pond of Yekaterinburg
A woman bathing in a pond of Yekaterinburg - Sputnik भारत, 1920, 19.01.2023
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19 जनवरी को रूस में ईस्टर्न ऑर्थडाक्स ईसाई लोग येशु मसीह के बपतिस्मे का समारोह मनाते हैं। ईसाई धर्म के अनुसार बपतिस्मा पानी में स्नान करने की धार्मिक गतिविधि है, जिसके बाद व्यक्ति को चर्च की सदस्यता दी जाती है।
येशु मसीह के बपतिस्मे का समारोह बहुत लंबे समय से मनाया जा रहा है। ईसाई धर्म में इसको ईस्टर के साथ सब से पुराना समारोह समझा जाता है।

समारोह का इतिहास क्या है?

ईसाई धर्म के अनुसार बहुत समय पहले पैगंबर जॉन द बैपटिस्ट पश्चिम एशिया की जॉर्डन नदी के पास पहुंचकर लोगों को ईसाई धर्म के बारे में और पापों को हटाने के लिए बपतिस्मे के बारे में बताने लगे थे। इसके बाद उन्होंने वहाँ ऐसे लोगों को बपतिस्मा देना शुरू किया जो यह करना चाहते थे।

जब येशु मसीह की उम्र 30 सालों की थी, उन्होंने जॉन द बैपटिस्ट के पास आकार उनको बपतिस्मा देने का अनुरोध किया। पैगंबर ने पूछा, “मुझे ही आप से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, और आप वास्तव में मेरे पास आए?” यीशु ने जवाब दिया कि उन्हें सभी धार्मिक नियमों के अनुसार रहना चाहिए।

बपतिस्मे के दौरान पवित्र आत्मा एक कबूतर के रूप में स्वर्ग से उतरा और संकेत दिया कि यीशु भगवान का पुत्र हैं। बपतिस्मे के बाद यीशु ने जॉर्डन नदी के पानी को आशीर्वाद दिया। बपतिस्मा लेकर यीशु ने दिखाया कि भगवान की आँखों में उनके सहित सब लोग समान हैं।

समारोह कैसे मनाया जाता है?

समारोह के एक दिन पहले चर्चों में येशु मसीह के बपतिस्मे का इतिहास और विशेष प्रार्थनाएं सुनाई जाती हैं। उस दिन ईस्टर्न ऑर्थडाक्स ईसाई लोगों के लिए उपवास ज़रूरी है।

बपतिस्मे के समारोह की मुख्य घटना जल का आशीर्वाद है, जो चर्चों में और जलाशयों, नदियों वगैरह के पास जल को दिया जाता है।

लम्बे समय से ईसाई लोगों को विश्वास है कि घर में इस तरह का पानी ज़रूरी है, क्योंकि वह बीमारी के दौरान और घायल हो जाने की स्थिति में इलाज में मदद दे सकता है।
इसके साथ माना जाता है कि ऐसा पानी कई सालों तक ख़राब न होकर रह सकता है। लेकिन अगर घर में लगातार झगड़े होते रहते हैं, तो वह एक महीने में ख़राब हो जाएगा।

समारोह के दौरान लोग स्नान क्यों करते हैं?

इस समारोह की एक और महत्त्वपूरण घटना 18/19 जनवरी की रात को ठंडे पानी में स्नान करना है। इसके लिए शहरों और गांवों में विशेष जगहों की स्थापना की जाती है और लोगों द्वारा जलाशयों, नदियों वगैरह का बर्फ तोड़ने के बाद स्नान करने के लिए छेद दिखाई देते हैं।

लोगों की मान्यता है कि स्नान करते समय वे अपने पापों को हटाते हैं। लेकिन चर्च का कोई ऐसी नियम और निर्देश नहीं है कि लोगों को ठंडे पानी में स्नान करना है। अगर ईस्टर्न ऑर्थडाक्स ईसाई लोग यह करना चाहते हैं तो वे ज़रूर स्नान करते हैं और यह घटना बहुत लोकप्रिय होती है।

इस समारोह से संबंधित क्या प्रतिबंध और परम्पराएं हैं?

ईस्टर्न ऑर्थडाक्स ईसाई लोगों को विश्वास है कि येशु मसीह के बपतिस्मे का समारोह मनाते समय झगड़ा करना और किसी को धोखा देना मना है। क्योंकि अगर आप इस समारोह के दौरान यह करेंगे तो आपकी ज़िन्दगी में बुरी स्थिति होगी।
यह महत्त्वपूर्ण भी है कि इस समारोह के दौरान खाना खाने के साथ शराब पीना प्रतिबंधित है।

इसके अलावा माना जाता है कि येशु मसीह के बपतिस्मे के समारोह के समय लड़कियों को अपने भविष्य के बारे में जानकारी मिल सकती है। इसके लिए समारोह की सुबह को घर से निकलकर उनको चलनेवाले लोगों का इंतज़ार करना चाहिए। अगर सब से पहले उनको युवा आदमी मिलेगा तो वे कुछ समय बाद शादी-शुदा हो जाएंगी और अगर बच्चा या अधेड़ उम्र का आदमी मिलेगा तो आनेवाले भविष्य में वे किसी से विवाह नहीं करेंगी।

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