यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

पश्चिम विकासशील देशों की यूक्रेन को लेकर तटस्थता का सम्मान नहीं करता: रूसी विदेश मंत्री लवरोव

© Sputnik / Grigory Sysoyev / मीडियाबैंक पर जाएंRussia's FM Sergey Lavrov speaks to Sputnik on February 2, 2023
Russia's FM Sergey Lavrov speaks to Sputnik on February 2, 2023 - Sputnik भारत, 1920, 02.02.2023
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गुरुवार को रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लवरोव ने Sputnik को साक्षात्कार देते समय नीति के समसामयिक मुद्दों और यूक्रेनी संकट के बारे में बताया।
Sputnik के साथ साक्षात्कार के पहले हिस्से के दौरान रूसी विदेश मंत्री सेर्गे लवरोव ने यूक्रेनी संकट पर ध्यान केंद्रित करके कहा कि "हम सब चाहते हैं कि यूक्रेन से विवाद समाप्त हो, लेकिन समय मुख्य तत्त्व नहीं है।"
यूक्रेन से बातचीत करने को लेकर उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिम ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को रूस से बातचीत से इन्कार करने पर मजबूर किया, और कोई भी यूक्रेनी सरकार को फिर से बातचीत शुरू करने पर मजबूर करने की कोशिश नहीं करता।

इसके साथ लवरोव ने बताया कि रूस ऐसे दावों से इन्कार करना जारी रखेगा कि वह यूक्रेन से "बातचीत करना नहीं चाहता": "हमारी कूटनीति के पास बहुत काम है। हम लगातार या रोज समझाते हैं कि क्या हो रहा है, झूठ को हटाते हैं और विशेष रूप से ऐसे झूठ को हटाते हैं जो अब [यूक्रेन से] बातचीत करने से हमारे इन्कार के बारे में सुना जा सकता है।"

इसके अलावा लवरोव ने विशेष सैन्य अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि मास्को यूक्रेनी सैनिकों को उस दूरी तक हटाने पर काम कर रहा है जो रूस के क्षेत्र के लिए सुरक्षित और उचित है।

यूक्रेनी संकट के संदर्भ में उन्होंने पश्चिम के बारे में कहा कि "पश्चिम से रूस के मौजूदा विवाद का मुख्य कारण अमेरिका का अपनी श्रेष्ठता और अचूकता का विश्वास है। पश्चिम रूस की रणनीतिक हार की उम्मीद कर रहा है और कि वह दशकों तक ठीक न हो सके। हम भू-राजनीतिक लड़ाई के केंद्र में हैं।"

इसके साथ रूसी विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि "पश्चिम में रूस को लेकर ट्रिब्यूनल और क्षतिपूर्ति के विचार अंतरराष्ट्रीय कानून का बड़ा उल्लंघन हैं।"

बाद में पश्चिम और दूसरे देशों के संबंधों पर ध्यान देकर उन्होंने बताया कि "पश्चिम के देश विकासशील देशों की तटस्थता का सम्मान नहीं करते। वे उन देशों पर लगभग हर दिन दबाव डालते हैं जिन्होंने अभी तक रूस पर प्रतिबंध नहीं लगाए हैं।"

इस साक्षात्कार के अंत में लवरोव ने Sputnik से कहा, "मैं जरूर शांति का समर्थक हूं। मुझे याद नहीं है कि किसने कहा था: "अगर आप शांति चाहते हैं, तो लड़ाई के लिए तैयारी करें।" मैं इस दर्शन को साझा नहीं करता। मैं उस विचार को साझा करता हूं, जिसको लेकर मैं इस तरह कहता हूँ: "अगर आप शांति चाहते हैं, तो अपनी रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहें।"
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