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लवरोव: पश्चिम भारत को चीन के खिलाफ स्थापित करने की कोशिश कर रहा है

© Russian Foreign Ministry's press service / मीडियाबैंक पर जाएंRussian Foreign Minister Sergey Lavrov takes part at the 2022 ASEAN summit in Phnom Penh
Russian Foreign Minister Sergey Lavrov takes part at  the 2022 ASEAN summit in Phnom Penh - Sputnik भारत, 1920, 10.03.2023
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भारत और चीन 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कुछ क्षेत्रों में सीमा क्षेत्र को लेकर विवाद है।
पश्चिमी देश भारत को चीन के खिलाफ स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, और भारत इन प्रयासों को समझता है, जबकि रूस चाहता है कि दोनों देश आपस में बातचीत कर समस्याओं का समाधान करें, रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा।

"हम इस तथ्य से आगे बढ़ते हैं कि जितना अधिक वे (भारत और चीन - संस्करण) अपनी सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए संवाद करते हैं, यह सभी के लिए उतना ही उपयोगी होता है और इन दो महान शक्तियों और दो महान सभ्यताओं के लिए बेहतर होता है। पश्चिम चीन के खिलाफ भारत को स्थापित करने के लिए ठीक विपरित स्थिति लेता है, विपरीत लक्ष्यों का पीछा करता है," लवरोव ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार के दौरान कहा।

साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत इन प्रयासों को देखकर इसे बहुत अच्छी तरह से समझता है और नाटो के लक्ष्यों को भी देखता है जब समूह भारत-प्रशांत क्षेत्र को अपनी जिम्मेदारी का क्षेत्र घोषित करता है।
दरअसल वर्ष 2022 के दिसंबर महीने में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिक के बीच झड़प में "दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं थीं, जिसके बाद दोनों देश ने तनाव कम करने के लिए आपस में बातचीत को जरिया बनाया है।
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