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आईपीआई गैस पाइपलाइन को फिर से जीवंत करने के प्रयास
आईपीआई गैस पाइपलाइन को फिर से जीवंत करने के प्रयास
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'Peace Pipeline' नामक आईपीआई पाइपलाइन ईरान से पाकिस्तान तक प्राकृतिक गैस पहुँचाने के लिए है।
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पहली बार ईरान-पाकिस्तान-भारत (आईपीआई) गैस पाइपलाइन परियोजना का प्रस्ताव 1990 के दशक के मध्य में ईरान द्वारा रखा गया था।लेकिन कई वजहों से परियोजना में देरी हुई, जिसमें तेहरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंध और पाइपलाइन के मार्ग (या तो भूमि या समुद्र के माध्यम से) को लेकर अनिश्चितता थी। इसके अतिरिक्त भारत ने इस परियोजना में भाग लेने से इंकार कर दिया था, क्योंकि भारतीय अधिकारीयों के अनुसार पाकिस्तानी ज़मीन पर गैस पाइपलाइन की सुरक्षा सुनिश्चित करना कोई आसान मामला नहीं होगा।टीएपीआई गैस पाइपलाइन परियोजना का लक्ष्य तुर्कमेनिस्तान के गल्किनीश गैस क्षेत्र से अफगानिस्तान से पाकिस्तान तक प्राकृतिक गैस लाना है। उस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि पाकिस्तान के औद्योगिक क्षेत्र के लिए कम दाम के गैस की आपूर्ति महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसके अलावा देश में युवाओं की बेरोज़गारी की समस्या अत्यंत वास्तविक है।यूरोप में पाइपलाइन गैस की आपूर्ति समाप्त होने वाली है, रूस भी भारत को अपनी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति आयोजित करने का इच्छुक है, लेकिन अभी तक उसे इस परियोजना में हिस्से लेने के लिए चुना नहीं गया है।
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आईपीआई गैस पाइपलाइन को फिर से जीवंत करने के प्रयास
20:21 30.06.2023 (अपडेटेड: 20:24 30.06.2023) 'Peace Pipeline' नामक आईपीआई पाइपलाइन ईरान से पाकिस्तान तक प्राकृतिक गैस पहुँचाने के लिए है।
पहली बार ईरान-पाकिस्तान-भारत (आईपीआई) गैस पाइपलाइन परियोजना का प्रस्ताव 1990 के दशक के मध्य में ईरान द्वारा रखा गया था।लेकिन कई वजहों से परियोजना में देरी हुई, जिसमें तेहरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंध और पाइपलाइन के मार्ग (या तो भूमि या समुद्र के माध्यम से) को लेकर अनिश्चितता थी।
इसके अतिरिक्त भारत ने इस परियोजना में भाग लेने से इंकार कर दिया था, क्योंकि भारतीय अधिकारीयों के अनुसार पाकिस्तानी ज़मीन पर गैस पाइपलाइन की सुरक्षा सुनिश्चित करना कोई आसान मामला नहीं होगा।
टीएपीआई गैस पाइपलाइन परियोजना का लक्ष्य तुर्कमेनिस्तान के गल्किनीश गैस क्षेत्र से अफगानिस्तान से
पाकिस्तान तक प्राकृतिक गैस लाना है। उस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि पाकिस्तान के औद्योगिक क्षेत्र के लिए कम दाम के गैस की आपूर्ति महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
इसके अलावा देश में युवाओं की बेरोज़गारी की समस्या अत्यंत वास्तविक है।यूरोप में पाइपलाइन गैस की आपूर्ति समाप्त होने वाली है, रूस भी भारत को अपनी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति आयोजित करने का इच्छुक है, लेकिन अभी तक उसे इस परियोजना में हिस्से लेने के लिए चुना नहीं गया है।