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क्लस्टर हथियार पर निर्णय यूक्रेन संघर्ष में अमेरिका और सहयोगियों की हताशा को साबित करता है

© Sputnik / Mikhail Voskresenskiy / मीडियाबैंक पर जाएंFragments of cluster munitions used by the Ukrainian military to shell the town of Gorlovka, the Donetsk region.
Fragments of cluster munitions used by the Ukrainian military to shell the town of Gorlovka, the Donetsk region. - Sputnik भारत, 1920, 13.07.2023
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क्लस्टर हथियारों की आपूर्ति करने के वाशिंगटन के फैसले ने मानवाधिकार समूहों को नाराज कर दिया है क्योंकि शत्रुता समाप्त होने के दशकों बाद भी ये हथियार युद्ध क्षेत्र में नागरिक हताहतों का कारण बन सकते हैं।
भारतीय सैन्य अनुभवी ने कहा है कि कीव को विवादास्पद क्लस्टर बमों की पेशकश करने का जो बाइडन प्रशासन का निर्णय यूक्रेन, अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों की हताशा को दर्शाता है।

नाटो सहयोगी एकजुट नहीं हैं

मेजर जनरल संजय सोई (सेवानिवृत्त) की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन को क्लस्टर हथियारों की आपूर्ति को लेकर नाटो सहयोगियों के बीच तीखे मतभेद उभरे हैं। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि अमेरिका के विपरीत ब्रिटेन इन बमों के लिए यूक्रेनी नेता वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की का अनुरोध पूरा नहीं करेगा।
सुनक ने उस बात का उल्लेख भी किया कि लंदन उस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सदस्य है जो क्लस्टर हथियारों के उत्पादन और उपयोग का विरोध करता है।
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जबकि बाइडन ने इस फैसले का तर्क देते हुए इसे "कठिन निर्णय" कहा, वहीं डेमोक्रेटों के बीच इसे लेकर चिंता बढ़ रही है, अमेरिकी राष्ट्रपति की पार्टी के एक सदस्य ने इसे "भयानक गलती" समझा।
इस सन्दर्भ में बुधवार को सोई ने Sputnik को बताया कि कीव को क्लस्टर बमों की आपूर्ति करने का निर्णय यूक्रेन और पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका की हताशा को दर्शाता है।

"चूँकि शायद नाटो ज़ेलेंस्की की सेना को पारंपरिक तोपखाने गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं कर पाता, जिसकी यूक्रेन में फिलहाल कमी है, इसलिए अमेरिका और उसके गठबंधन सहयोगियों ने यह हताश निर्णय लिया है," सोई ने कहा।

क्लस्टर हथियार: विनाश का पर्यायवाची है

क्लस्टर बम बड़ी संख्या में बम छोड़ता है और कभी-कभी उनमें से कई फटे बिना क्षेत्र में रहते हैं। इसलिए यह नागरिकों और बाहर खेलते हुए बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।
क्लस्टर हथियार क्षेत्र को प्रयोग के लिए बेकार भी कर देते हैं, क्योंकि क्लस्टर बम व्यापक क्षेत्र को ढकते हैं जिसे साफ़ करना अत्यंत मुश्किल होता है। इसके परिणामस्वरूप नागरिकों को कृषि और दैनिक जीवन संबंधी अन्य गतिविधियों के लिए ज़मीन के बड़े टुकड़ों तक पहुँच से वंचित कर दिया जाता है।
 - Sputnik भारत, 1920, 10.07.2023
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पिछले सैन्य संअभियानों में क्लस्टर बमों के कारण हुए विनाश को याद करते हुए सोई ने कहा कि वियतनाम और कंबोडिया अभियानों के दौरान अमेरिका ने इन हथियारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था।

क्लस्टर बमों में अमेरिका का शर्मनाक इतिहास

रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी कार्रवाई के नतीजे में वियतनाम में कम से कम 80 मिलियन गैर-विस्फोटित गोले और गोला-बारूद रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप देश में हज़ारों लोग मर गए।
1960 और 1970 के दशक में दो अन्य एशियाई देश भी अमेरिका की सैन्य कार्रवाइयों से क्षतिग्रस्त थे, जब पेंटागन ने लाओस और कंबोडिया पर क्लस्टर बमों से हवाई हमले किए।
आज दो संप्रभु राज्य गैर-विस्फोटित क्लस्टर बमों के प्रभाव का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने स्थानीय आबादी को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। लाओस और कंबोडिया दोनों ने कीव में क्लस्टर हथियार भेजने के लिए अमेरिका की आलोचना की है।
इस सन्दर्भ में भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक विशेषज्ञ ने उल्लेख किया कि लड़ाकू विमानों, सैन्य हेलीकॉप्टरों या जमीन से गिराए जाने पर 10 से 40 तक प्रतिशत क्लस्टर युद्ध सामग्रियाँ नहीं फटती हैं। सो यदि कोई पुराना प्रक्षेप्य फट जाता है, तो लोगों को बड़ा नुकसान पहुँच सकता है।

"यही कारण है कि 100 से अधिक देशों ने इन बमों पर प्रतिबंध लगा दिया है। वास्तव में ब्रिटेन और जापान जैसे कई नाटो+ देशों ने क्लस्टर बमों के प्रति अपना विरोध जताया है," सोई ने जोड़ दिया।

कीव पर भरोसा नहीं किया जा सकता

पूर्व भारतीय सेना अधिकारी ने बताया कि रूस ने यूक्रेन में क्लस्टर बम तैनात करने का विरोध किया है, लेकिन अमेरिका द्वारा हथियारों की होड़ को बढ़ावा देने के संदर्भ में रूस को इन हथियारों का उपयोग करने की क्षमता है। यदि ऐसा होता है, तो इसके परिणामस्वरूप व्यापक पैमाने पर विनाश होगा और नागरिक आबादी हताहत होगी।

"क्लस्टर युद्ध सामग्री के उपयोग के मुद्दों को लेकर कीव पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि एक दिन संघर्ष के कारण युद्ध क्षेत्र से बाहर विस्थापित हुई नागरिक आबादी अपने घरों में लौट आएगी। और यदि क्लस्टर हथियारों का उपयोग करके उस क्षेत्र पर बमबारी की गई है, तो नागरिक आबादी में बड़ी संख्या में लोग हताहत होंगे," भूराजनीतिक विश्लेषक ने कहा।

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