https://hindi.sputniknews.in/20230720/baadh-ke-kaaran-paakistaan-men-gurudvaaraa-darbaar-saahib-kii-tiirthyaatraa-nilanbit-3106476.html
बाढ़ के कारण पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा निलंबित
बाढ़ के कारण पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा निलंबित
Sputnik भारत
गुरुवार को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले लगभग 100 श्रद्धालुओं को जीरो लाइन पर पानी भरा होने के कारण करतारपुर गलियारे के भारतीय टर्मिनल पर रोक दिया गया।
2023-07-20T19:19+0530
2023-07-20T19:19+0530
2023-07-20T19:19+0530
भारत
पाकिस्तान
पाकिस्तान में बाढ़
बाढ़
बारिश
सिख
विश्व
दक्षिण एशिया
मानसून
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/07/14/3112361_0:160:3073:1888_1920x0_80_0_0_def87dd5641c871c4053190deb572180.jpg
गुरुवार को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले लगभग 100 श्रद्धालुओं को जीरो लाइन पर पानी भरा होने के कारण करतारपुर गलियारे के भारतीय टर्मिनल पर रोक दिया गया।वस्तुतः रावी नदी का जलस्तर बढ़ने से करतारपुर साहिब कॉरिडोर से यात्रा प्रभावित हो गई है। रावी डेरा बाबा नानक में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर स्थित है। श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा नदी के पार है। चार किलोमीटर लंबा गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारतीय राज्य पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ता है, जिसे गुरु नानक का अंतिम विश्राम स्थल माना जाता है।भारत और पाकिस्तान के गलियारे टर्मिनलों के बीच पुल अभी भी निर्माणाधीन है और बीच की सड़क रावी नदी के तल से होकर जाती है।बता दें कि 2019 में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 550वीं जयंती पर सीमा पार गलियारे के खुलने के बाद से यह पहली बार है कि बाढ़ के पानी ने तीर्थयात्रा को प्रभावित किया है।
https://hindi.sputniknews.in/20230215/paakistaan-uchchaayog-ne-bhaaritiiy-hinduu-tiirithyaatriyon-ko-114-viijaa-jaariii-kie-890841.html
भारत
पाकिस्तान
दक्षिण एशिया
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/07/14/3112361_171:0:2900:2047_1920x0_80_0_0_13cc777723c1b5e9ac81ceb6dc53a2dc.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा, रावी नदी का जलस्तर, करतारपुर कॉरिडोर तीन दिनों के लिए निलंबित, भारत और पाकिस्तान सीमा, डेरा बाबा नानक मंदिर, पाकिस्तान के गलियारे, पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर साहिब कॉरिडोर से यात्रा प्रभावित
गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा, रावी नदी का जलस्तर, करतारपुर कॉरिडोर तीन दिनों के लिए निलंबित, भारत और पाकिस्तान सीमा, डेरा बाबा नानक मंदिर, पाकिस्तान के गलियारे, पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर साहिब कॉरिडोर से यात्रा प्रभावित
बाढ़ के कारण पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब की तीर्थयात्रा निलंबित
रावी नदी के बढ़ते पानी के कारण गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में जीरो लाइन पर पानी भर जाने के बाद पाकिस्तान में सिख तीर्थस्थल के लिए करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से तीर्थयात्रा गुरुवार से तीन दिनों के लिए निलंबित कर दी गई है।
गुरुवार को
पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले लगभग 100 श्रद्धालुओं को जीरो लाइन पर पानी भरा होने के कारण करतारपुर गलियारे के भारतीय टर्मिनल पर रोक दिया गया।
वस्तुतः रावी
नदी का जलस्तर बढ़ने से करतारपुर साहिब कॉरिडोर से यात्रा प्रभावित हो गई है। रावी डेरा बाबा नानक में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर स्थित है। श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा नदी के पार है।
चार किलोमीटर लंबा गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारतीय राज्य पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ता है, जिसे गुरु नानक का अंतिम विश्राम स्थल माना जाता है।
भारत और पाकिस्तान के गलियारे टर्मिनलों के बीच पुल अभी भी निर्माणाधीन है और बीच की सड़क
रावी नदी के तल से होकर जाती है।
बता दें कि 2019 में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 550वीं जयंती पर सीमा पार गलियारे के खुलने के बाद से यह पहली बार है कि
बाढ़ के पानी ने तीर्थयात्रा को प्रभावित किया है।