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‘लूना-25’ ने चंद्रमा की कक्षा में लिया पहला माप, वैज्ञानिकों को पहले परिणाम प्राप्त हुए
‘लूना-25’ ने चंद्रमा की कक्षा में लिया पहला माप, वैज्ञानिकों को पहले परिणाम प्राप्त हुए
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विशेषज्ञों ने चंद्रमा की कक्षा में उड़ान के दौरान लूना-25 के ऑटोमैटिक स्टेशन से जुड़े उपकरणों को कई बार चालू किया, पहले वैज्ञानिक परिणाम प्राप्त हुए, रोस्कोस्मोस ने शनिवार को बताया
2023-08-19T18:05+0530
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पहली बार ARIES-L आयन ऊर्जा-द्रव्यमान विश्लेषक उपकरण को चंद्रमा की कक्षा में लागू कर दिया गया, जिसे सौर हवा के साथ चंद्रमा की सतह की परस्पर क्रियाका का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसके माध्यम से प्राप्त आंकड़ों की बदौलत वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह पर उपकरण के संचालन का इष्टतम तरीका चुनने में सक्षम हो गए हैं।इसके अतिरिक्त, अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान और मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ जियोडेसी एंड कार्टोग्राफी के विशेषज्ञों ने लैंडिंग कैमरों द्वारा 17 अगस्त को ली गई चंद्रमा की तस्वीरों का अध्ययन किया है।दोनों तस्वीरें अद्वितीय ज़ीमन क्रेटर दिखाती हैं। चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध के बीस सबसे गहरे क्रेटरों की सूची में वह तीसरे नंबर पर है। इसका व्यास लगभग 190 किलोमीटर है और गहराई लगभग आठ किलोमीटर है।
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‘लूना-25’ ने चंद्रमा की कक्षा में लिया पहला माप, वैज्ञानिकों को पहले परिणाम प्राप्त हुए
18:05 19.08.2023 (अपडेटेड: 18:14 19.08.2023) विशेषज्ञों ने चंद्रमा की कक्षा में उड़ान के दौरान लूना-25 के ऑटोमैटिक स्टेशन से जुड़े उपकरणों को कई बार चालू किया, पहले वैज्ञानिक परिणाम प्राप्त हुए, रोस्कोस्मोस ने शनिवार को बताया।
"लूना-25" अंतरिक्ष यान [...] चंद्रमा की कक्षा में उड़ान भरता रहता है। उड़ान के समय, वैज्ञानिक उपकरणों को कई बार चालू किया गया," रोस्कोस्मोस ने अपने बयान में कहा।
पहली बार ARIES-L आयन ऊर्जा-द्रव्यमान विश्लेषक उपकरण को चंद्रमा की कक्षा में लागू कर दिया गया, जिसे सौर हवा के साथ चंद्रमा की सतह की परस्पर क्रियाका का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसके माध्यम से प्राप्त आंकड़ों की बदौलत वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह पर उपकरण के संचालन का इष्टतम तरीका चुनने में सक्षम हो गए हैं।
इसके अतिरिक्त, अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान और मास्को स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ जियोडेसी एंड कार्टोग्राफी के विशेषज्ञों ने लैंडिंग कैमरों द्वारा 17 अगस्त को ली गई
चंद्रमा की तस्वीरों का अध्ययन किया है।
दोनों तस्वीरें अद्वितीय ज़ीमन क्रेटर दिखाती हैं। चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध के बीस सबसे गहरे क्रेटरों की सूची में वह तीसरे नंबर पर है। इसका व्यास लगभग 190 किलोमीटर है और गहराई लगभग आठ किलोमीटर है।