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यूक्रेन में संघर्ष बढ़ने से वैश्विक परमाणु शक्तियों के मध्य परमाणु टकराव का खतरा बढ़ रहा है: लवरोव
यूक्रेन में संघर्ष बढ़ने से वैश्विक परमाणु शक्तियों के मध्य परमाणु टकराव का खतरा बढ़ रहा है: लवरोव
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परमाणु शक्तियों के बीच किसी भी सशस्त्र टकराव को रोकना संभव और आवश्यक है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो इस तरह के संघर्ष का जोखिम उठा रहे हैं क्योंकि वे यूक्रेन में शत्रुता बढ़ा रहे हैं।
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लवरोव ने ‘इंटरनेशनल अफेयर्स’ रूसी पत्रिका को बताया, "यूक्रेन विवाद को लेकर एक बड़ा खतरा यह है कि संघर्ष की तीव्रता बढ़ाते हुए अमेरिका और नाटो के सदस्य देश परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव का जोखिम उठा रहे हैं।"उन्होंने कहा, रूस पश्चिम को सैन्य और राजनीतिक जोखिमों के बारे में चेताने के लिए विवश है क्योंकि इस [रूस] का मानना है कि परमाणु युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा। लवरोव ने स्मरण कराया कि 3 जनवरी 2022 को परमाणु हथियार संपन्न पांच राज्यों ने संयुक्त विज्ञप्ति में पुष्टि की कि परमाणु युद्ध किसी भी सूरत में प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए।लवरोव ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, वर्तमान परिस्थितियों में यह दस्तावेज़ अत्यंत प्रासंगिक है – इससे सिद्ध हो रहा है कि परमाणु शक्तियों के मध्य किसी भी सैन्य टकराव को रोकना आवश्यक है क्योंकि यह ऐसा संकट है जो कि परमाणु संघर्ष में परिवर्तित हो सकता है। "प्रत्येक परमाणु राष्ट्र को सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य इस समझ के प्रति प्रतिबद्ध रहना और अधिकतम संयम दिखाना है," उन्होंने कहा। राजनयिक के अनुसार, रूस को आज जिन कुछ संकटों का सामना करना पड़ रहा है, इसके लिए उसका जवाब परमाणु हथियार पर नियंत्रण हो सकता है।मंत्री ने कहा, रूस की "रणनीतिक पराजय " के लक्ष्य हेतु नाटो ने सुरक्षा की अविभाज्यता के सिद्धांत का घोर उल्लंघन किया है। और जब रूस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, तो पश्चिम ने इसे अच्छा ढोंग बताते हुए मास्को के विरुद्ध भयानक छद्म-युद्ध छेड़ दिया है।
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यूक्रेन में संघर्ष बढ़ने से वैश्विक परमाणु शक्तियों के मध्य परमाणु टकराव का खतरा बढ़ रहा है: लवरोव
13:12 19.08.2023 (अपडेटेड: 13:45 19.08.2023) रूस का मानना है कि परमाणु शक्तियों के मध्य किसी भी सशस्त्र टकराव को रोकना संभव और आवश्यक है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो इस प्रकार के संघर्ष को बढ़ाने का जोखिम उठा रहे हैं, क्योंकि वे यूक्रेन में शत्रुता बढ़ा रहे हैं, रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा।
लवरोव ने ‘इंटरनेशनल अफेयर्स’ रूसी पत्रिका को बताया, "यूक्रेन विवाद को लेकर एक बड़ा खतरा यह है कि संघर्ष की तीव्रता बढ़ाते हुए अमेरिका और नाटो के सदस्य देश परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव का जोखिम उठा रहे हैं।"
राजनयिक ने इस बात पर बल दिया, "घटनाओं के इस तरह के विकास को रोका जाना चाहिए और रोका जा सकता है।"
उन्होंने कहा, रूस पश्चिम को सैन्य और राजनीतिक जोखिमों के बारे में चेताने के लिए विवश है क्योंकि इस [रूस] का मानना है कि परमाणु युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा। लवरोव ने स्मरण कराया कि 3 जनवरी 2022 को परमाणु हथियार संपन्न पांच राज्यों ने संयुक्त विज्ञप्ति में पुष्टि की कि परमाणु युद्ध किसी भी सूरत में प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए।
लवरोव ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, वर्तमान परिस्थितियों में यह दस्तावेज़ अत्यंत प्रासंगिक है – इससे सिद्ध हो रहा है कि परमाणु शक्तियों के मध्य किसी भी
सैन्य टकराव को रोकना आवश्यक है क्योंकि यह ऐसा संकट है जो कि परमाणु संघर्ष में परिवर्तित हो सकता है। "प्रत्येक परमाणु राष्ट्र को सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य इस समझ के प्रति प्रतिबद्ध रहना और अधिकतम संयम दिखाना है," उन्होंने कहा।
राजनयिक के अनुसार, रूस को आज जिन कुछ संकटों का सामना करना पड़ रहा है, इसके लिए उसका जवाब परमाणु हथियार पर नियंत्रण हो सकता है।
"वर्तमान में परमाणु हथियारों पर नियंत्रण हमारे देश की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण बाहरी खतरों के लिए एकमात्र संभावित उत्तर है। यूक्रेन के आसपास हो रही स्थिति ने हमारी चिंताओं की वैधता की पुष्टि की है," मंत्री ने कहा।
मंत्री ने कहा, रूस की "रणनीतिक पराजय " के लक्ष्य हेतु
नाटो ने सुरक्षा की अविभाज्यता के सिद्धांत का घोर उल्लंघन किया है। और जब रूस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की, तो पश्चिम ने इसे अच्छा ढोंग बताते हुए मास्को के विरुद्ध
भयानक छद्म-युद्ध छेड़ दिया है।