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रूसी तेल की खरीद भारत के राष्ट्रीय हित के अनुरूप है: विदेश मंत्री जयशंकर

© Sputnik / Maxim Bogodvid / मीडियाबैंक पर जाएंA Russian oil rig. File photo
A  Russian oil rig. File photo - Sputnik भारत, 1920, 29.08.2023
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यूक्रेन संकट ने जब पश्चिम को ध्रुवीकृत कर दिया और वैश्विक ईंधन आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया, तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से कहा था कि "देश के लाभ के लिए जो भी आवश्यक हो वह करें।"
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्थानीय मीडिया के साथ साक्षात्कार में रूस से तेल आयात जारी रखने के भारत के फैसले को राष्ट्रीय हित में लिया गया निर्णय कहा है।

"हमें दुनिया के साथ दोस्ती करनी चाहिए। लेकिन जब यह बात आती है कि हमें क्या फायदा है, तो हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। अगर मुझे कोई रास्ता मिल जाए तो मुझे अपने लोगों को महंगाई को बढ़ावा देने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा था, ऐसा रुख अपनाएं जिससे भारत को फायदा हो। हमने ऐसा किया,'' जयशंकर ने कहा।

दरअसल विदेश मंत्री ने यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल आयात जारी रखने के भारत के फैसले पर सवाल उठाने पर पूछा था कि यूरोप अपनी ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता दे सकता है और कैसे भारत से अलग तरीके से कार्य करने की उम्मीद कर सकता है।

"हर देश अपने नागरिकों के लिए सर्वोत्तम संभव सौदा पाने और उच्च ऊर्जा कीमतों के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रहा है, और भारत भी अलग नहीं है," विदेश मंत्री ने कहा था।

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बता दें कि वायरल हुई एक तीखी टिप्पणी में विदेश मंत्री ने कहा था कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है कि यूरोप की समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं।
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