https://hindi.sputniknews.in/20230829/sarvocch-adalat-ne-kendra-se-jammu-kashmir-ko-dubaara-rajya-banaane-ki-samay-avadhi-maangi-3912490.html
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से जम्मू कश्मीर को दुबारा राज्य बनाने की समय अवधि मांगी
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से जम्मू कश्मीर को दुबारा राज्य बनाने की समय अवधि मांगी
Sputnik भारत
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को केंद्र सरकार ने सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर को लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना एक अस्थायी उपाय है और भविष्य में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापिस हो जाएगा।
2023-08-29T16:06+0530
2023-08-29T16:06+0530
2023-08-29T16:07+0530
राजनीति
भारत
सुप्रीम कोर्ट
जम्मू और कश्मीर
लद्दाख
चुनाव
नरेन्द्र मोदी
अनुच्छेद 370
पुनर्गठन
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/05/15/2090154_16:0:3655:2047_1920x0_80_0_0_63243e0b6d3d9aae9897420e0fad5405.jpg
सप्रीम कोर्ट में मंगलवार को केंद्र सरकार ने सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर को लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना एक अस्थायी उपाय है और भविष्य में हालात सामान्य होने पर जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश के रूप में दर्जा आखिर में एक राज्य का हो जाएगा। इसके जवाब में अदालत ने जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि यह कितना अस्थायी है और जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे, जिस पर सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने जवाब दिया कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने निर्देश लेने के बाद पीठ को सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, जबकि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बरकरार रखा जाएगा इसके साथ साथ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह 31 अगस्त को अदालत में इस राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा। इस पीठ की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई.चंद्रचूड़ कर रहे थे और इसमें जस्टिस एसके कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं। 2019 में, केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटा दिया, जिसके कारण जम्मू और कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित हो गया।
https://hindi.sputniknews.in/20230802/janen-kya-hai-dhara-370-jiske-nirast-karne-par-2-august-se-supreme-court-ne-dainik-sunvayi-shuru-ki-3332290.html
भारत
जम्मू और कश्मीर
लद्दाख
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/05/15/2090154_471:0:3200:2047_1920x0_80_0_0_1d21221bf7b38d1eb095435f9d8191ff.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई.चंद्रचूड़, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती, know what is article 370, what is article 370, what does article 370 say, when article 370 was included in the constitution, how article 370 was removed, why article 370 was abolished, is article 370 abrogation legal, 2019, special status to the state of jammu and kashmir, challenging the decision to abrogate article 370, भारत सरकार सॉलिसिटर जनरल (sg) तुषार मेहता,
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई.चंद्रचूड़, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती, know what is article 370, what is article 370, what does article 370 say, when article 370 was included in the constitution, how article 370 was removed, why article 370 was abolished, is article 370 abrogation legal, 2019, special status to the state of jammu and kashmir, challenging the decision to abrogate article 370, भारत सरकार सॉलिसिटर जनरल (sg) तुषार मेहता,
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र से जम्मू कश्मीर को दुबारा राज्य बनाने की समय अवधि मांगी
16:06 29.08.2023 (अपडेटेड: 16:07 29.08.2023) भारत की सर्वोच्च अदालत वर्तमान में अनुच्छेद 370 को खत्म करने को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था।
सप्रीम कोर्ट में मंगलवार को केंद्र सरकार ने सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर को लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना एक अस्थायी उपाय है और भविष्य में हालात सामान्य होने पर जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश के रूप में दर्जा आखिर में एक राज्य का हो जाएगा।
इसके जवाब में अदालत ने
जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि यह कितना अस्थायी है और जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे, जिस पर
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने जवाब दिया कि लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
"इसका अंत होना ही चाहिए... हमें विशिष्ट समय सीमा दीजिए कि आप वास्तविक लोकतंत्र कब बहाल करेंगे। हम इसे रिकॉर्ड करना चाहते हैं," पीठ ने कहा, और मेहता और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को राजनीतिक कार्यपालिका से निर्देश लेने और अदालत में वापस आने को कहा।
सॉलिसिटर जनरल ने निर्देश लेने के बाद पीठ को सूचित किया कि
जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, जबकि
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बरकरार रखा जाएगा इसके साथ साथ
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह 31 अगस्त को अदालत में इस राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा।
"निर्देश यह है कि UT एक स्थायी विशेषता नहीं है। लेकिन मैं परसों एक सकारात्मक बयान दूंगा। लद्दाख UT ही रहेगा।" SG ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था को छोड़कर, अन्य सभी शक्तियां जम्मू-कश्मीर के पास हैं," SG मेहता ने कहा।
इस पीठ की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई.चंद्रचूड़ कर रहे थे और इसमें जस्टिस एसके कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं।
2019 में, केंद्र सरकार ने
अनुच्छेद 370 को हटा दिया, जिसके कारण जम्मू और कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित हो गया।