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भारत के युवाओं द्वारा जैव अपशिष्ट से बनाए जैविक पॉलिमर से फसलों में बचेगा पानी, बढ़ेगी पैदावार
भारत के युवाओं द्वारा जैव अपशिष्ट से बनाए जैविक पॉलिमर से फसलों में बचेगा पानी, बढ़ेगी पैदावार
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साल 2018 में, राजस्थान के उदयपुर में नारायण लाल गुर्जर, पुरन सिंह राजपूत,अंकित जैन और बुद्धि प्रकाश गुर्जर ने मिलकर EF पॉलिमर नामक स्टार्टअप की शुरुआत की।
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फसलों के लिए पानी एक जीवन धारा जैसा होता है, बिना पानी के किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना करना नामुमकिन है। इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2018 में, राजस्थान के उदयपुर में नारायण लाल गुर्जर, पुरन सिंह राजपूत, अंकित जैन और बुद्धि प्रकाश गुर्जर ने मिलकर EF पॉलिमर नामक स्टार्टअप की शुरुआत की थी।"फसल अमृत" एक प्राकृतिक रूप से संसाधित सुपर अवशोषक पॉलिमर है जो संतरे, केले के छिलके सहित अन्य सब्जियों और फलों के कचरे का उपयोग करके बनाया जाता है। इस स्टार्टअप के अनुसार फसल अमृत किसानों के सामने आने वाली पानी की चुनौतियों से भी प्रभावी ढंग से निपटता है।भारत की विशाल कृषि भूमि 150 मिलियन हेक्टेयर से भी अधिक है, EF पॉलिमर का मानना है कि देश में फसल अमृत के उपयोग के बाद प्रत्येक हेक्टेयर कृषि भूमि पर 10 लाख लीटर से अधिक पानी बचाया जा सकता है और फसल की उपज पर पानी की कमी के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है।EF पॉलिमर टीम को उनके असाधारण काम के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया गया है।अब तक 12000 से ज्यादा किसानों ने इसका इस्तेमाल कर 30-40% पानी की बचत करने के साथ-साथ फसल की पैदावार को भी डेढ़ गुना तक बढ़ाया है। भारत के साथ-साथ EF पॉलीमर का जापान, अमेरिका और इंग्लैंड सहित 10 से अधिक देशों में परीक्षण किया गया है।Sputnik India ने EF पॉलिमर को शुरू करने वाली टीम के सह संस्थापक अंकित जैन से बात की। उन्होंने बताया कि नारायण लाल गुर्जर (जो कंपनी के CEO भी हैं) के मन में यह सोच आई की दुनिया भर में अलग अलग स्तर पर कई इनोवेशन किये जा रहे हैं, और भारत जैसे कृषि आधारित देश में भी किसानों के लिए नवाचार बनाने की जरूरत है।अंकित ने आगे बताया की उन्होंने अपनी कंपनी 2018 में रजिस्टर की थी और इस इनोवेशन के लिए उनको राष्ट्रपति भवन से इंडिया का बेस्ट इनोवेशन अवार्ड मिला। बाद में उन्होंने कंपनी को जापान में रजिस्टर्ड किया।EF पॉलिमर के सह संस्थापक अंकित ने Sputnik India को इस उत्पाद के बारे में बताया कि यह प्रॉडक्ट पानी बचाने पर, खाद बचाने पर, सही प्रकार से खाद का प्रयोग और किसान की आय को भी कहीं ना कहीं बढ़ाने पर काम करता है।दुनिया भर के देशों में आजकल सूखे की और बंजर जमीन की बहुत बड़ी समस्या है। सभी देश अधिक उपज के लिए अधिक केमिकल का उपयोग कर रहे हैं, जिससे धरती पर प्रबाव पड़ता है। इसके एक विकल्प के स्तर पर सामने आए हैं EF पॉलिमर जो जमीन में नमी बनाकर रख सकता है।फसलों के लिए यह प्रोडक्ट ऑर्गेनिक बायो वेस्ट मटेरियल से मिलकर बना रखा है, ऐसे बायो वेस्ट मटेरियल जो पानी बचाने पर भी ग्रोथ के लिए काम करते हैं। अंकित ने Sputnik India को बताया कि इसके लिए उन्होंने 6 साल लिया और जापान में एक रिसर्च की और उसके बाद 15 से 20 पॉइंट्स क्लासिफाइ किए जो एक पौधे की ग्रोथ के लिए आवश्यक रहते हैं।EF पॉलिमर के सह संस्थापक ने कहा कि भारत में वे सभी जगह अपने प्रोडक्ट को बेच रहे हैं। इसके साथ वह 10 से ज्यादा देशों में बिकता है, जिन में जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सम्मिलित हैं।अंकित ने बताया कि इस स्टार्ट उप को 30 से 40 जगहों पर नैशनल से लेकर इंटरनेशनल अवॉर्ड तक मिल चुके हैं, भारत के साथ विदेशों में भी इस प्रोडक्ट को सम्मानित किया गया है।"अवॉर्ड के बाद हमारा सबसे बड़ा मोटिवेशन रहा है कि किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला पाए, जिसके लिए हमने यह शुरुआत की है और हम इसमें सफल भी हुए हैं। बहुत से राज्यों में जहां पानी, रिसोर्सेज़ उपलब्ध नहीं थे, लेकिन उन लोगों ने हमारे उत्पाद को प्रयोग किया जिससे उन्हे यह बहुत अच्छा लगा और उन्होंने इसे दुबारा भी उपयोग किया और हमें धन्यवाद दिया। यह हमारे लिए सबसे बड़ा सम्मान है," उन्होंने बताया।
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भारत के युवाओं द्वारा जैव अपशिष्ट से बनाए जैविक पॉलिमर से फसलों में बचेगा पानी, बढ़ेगी पैदावार
भारत में राजस्थान के उदयपुर आधारित कृषि-तकनीकी स्टार्टअप EF पॉलिमर ने हाल के वर्षों में जैव अपशिष्ट से एक कार्बनिक सुपर अवशोषक पॉलिमर बनाया, जिसे उन्होंने फसल अमृत का नाम दिया।
फसलों के लिए पानी एक जीवन धारा जैसा होता है, बिना पानी के किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना करना नामुमकिन है। इसी को ध्यान में रखते हुए साल 2018 में, राजस्थान के उदयपुर में नारायण लाल गुर्जर, पुरन सिंह राजपूत, अंकित जैन और बुद्धि प्रकाश गुर्जर ने मिलकर EF पॉलिमर नामक स्टार्टअप की शुरुआत की थी।
"फसल अमृत" एक प्राकृतिक रूप से संसाधित सुपर अवशोषक पॉलिमर है जो संतरे, केले के छिलके सहित अन्य सब्जियों और फलों के कचरे का उपयोग करके बनाया जाता है। इस स्टार्टअप के अनुसार फसल अमृत किसानों के सामने आने वाली पानी की चुनौतियों से भी प्रभावी ढंग से निपटता है।
भारत की विशाल कृषि भूमि 150 मिलियन हेक्टेयर से भी अधिक है, EF पॉलिमर का मानना है कि देश में
फसल अमृत के उपयोग के बाद प्रत्येक हेक्टेयर कृषि भूमि पर
10 लाख लीटर से अधिक पानी बचाया जा सकता है और फसल की उपज पर पानी की कमी के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है।
EF पॉलिमर टीम को उनके असाधारण काम के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान से सम्मानित किया गया है।
अब तक
12000 से ज्यादा किसानों ने इसका इस्तेमाल कर 30-40% पानी की बचत करने के साथ-साथ
फसल की पैदावार को भी डेढ़ गुना तक बढ़ाया है। भारत के साथ-साथ
EF पॉलीमर का जापान, अमेरिका और इंग्लैंड सहित 10 से अधिक देशों में परीक्षण किया गया है।
Sputnik India ने EF पॉलिमर को शुरू करने वाली टीम के सह संस्थापक
अंकित जैन से बात की। उन्होंने बताया कि
नारायण लाल गुर्जर (जो कंपनी के CEO भी हैं) के मन में यह सोच आई की दुनिया भर में अलग अलग स्तर पर कई इनोवेशन किये जा रहे हैं, और भारत जैसे
कृषि आधारित देश में भी किसानों के लिए नवाचार बनाने की जरूरत है।
"हमारे देश में 60 से 70 करोड़ किसान कृषि पर निर्भर करते हैं, हमने इस तरह की चीजों को देखा है कि किसानों को अपनी खेती प्रोड्यूस करने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसी सोच के साथ हमने हमारी महाराणा प्रताप ऐग्रिकल्चरल यूनिवर्सिटी में सारा रिसर्च और तैयारी की, जिसके बाद हमारी शुरुआत हुई," सह संस्थापक अंकित जैन ने Sputnik India को बताया।
अंकित ने आगे बताया की उन्होंने अपनी कंपनी 2018 में रजिस्टर की थी और इस इनोवेशन के लिए उनको राष्ट्रपति भवन से इंडिया का बेस्ट इनोवेशन अवार्ड मिला। बाद में उन्होंने कंपनी को जापान में रजिस्टर्ड किया।
"2018 में हमारी इनोवेशन के लिए प्रेज़िडन्ट ऑफ इंडिया हाउस से हमें सम्मानित किया गया और फिर देश में हमने अपनी कंपनी को रजिस्टर किया, जिसके बाद जापान में भी कंपनी रजिस्टर की और अभी अराउंड 35 लोगों की हमारी टीम है," अंकित ने आगे कहा।
EF पॉलिमर के सह संस्थापक अंकित ने Sputnik India को इस उत्पाद के बारे में बताया कि यह प्रॉडक्ट पानी बचाने पर, खाद बचाने पर, सही प्रकार से खाद का प्रयोग और
किसान की आय को भी कहीं ना कहीं बढ़ाने पर काम करता है।
"हमारा जो प्रोडक्ट है वह पूर्णतः ऑर्गैनिक है। दूसरे बाजार में जितने भी सारे प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं वे सब केमिकल आधारित हैं, आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका ने पहली बार इस प्रकार के प्रोडक्ट्स को ऑर्गैनिक कैटेगरी में सर्टिफिकेशन दिया है और अभी हमें वहां 22 राज्यों में बेचने का लाइसेंस भी मिला है और इसका मूल्य बाजार में अन्य उत्पादों [की कीमत] से कम है," अंकित ने कहा।
दुनिया भर के देशों में आजकल सूखे की और बंजर जमीन की बहुत बड़ी समस्या है। सभी देश अधिक उपज के लिए अधिक केमिकल का उपयोग कर रहे हैं, जिससे धरती पर प्रबाव पड़ता है। इसके एक विकल्प के स्तर पर सामने आए हैं EF पॉलिमर जो जमीन में नमी बनाकर रख सकता है।
"इस प्रोडक्ट के अंदर माइक्रोन्यूट्रिएंट हैं जो किसी भी धरती के लिए बहुत अधिक आवश्यक होते हैं। देखिए बंजर जमीन और नॉर्मल जमीन में फर्क क्या होता है? जमीन में दोनों एक जैसी होती है, फर्क होता है उसमें उपस्थित पोषक तत्वों का, हमारा प्रोडक्ट खुद भी प्रोवाइड करता है और जमीन में उन्हें बढ़ाने का काम भी करता है तभी इसी कारण से हम लोग कई बार कहते हैं कि बंजर जमीन को भी उपजाऊ बनाने में [हमारा प्रोडक्ट] आपकी सहायता करेगा," EF पॉलिमर के सह संस्थापक जैन ने आगे कहा।
फसलों के लिए यह प्रोडक्ट ऑर्गेनिक बायो वेस्ट मटेरियल से मिलकर बना रखा है, ऐसे बायो वेस्ट मटेरियल जो पानी बचाने पर भी ग्रोथ के लिए काम करते हैं। अंकित ने Sputnik India को बताया कि इसके लिए उन्होंने 6 साल लिया और जापान में एक रिसर्च की और उसके बाद 15 से 20 पॉइंट्स क्लासिफाइ किए जो एक
पौधे की ग्रोथ के लिए आवश्यक रहते हैं।
"इसको बनाने का एक पूरा प्रोसेस है जिसका हमने पेटेंट ले रखा है। हम सबसे पहले बायो वेस्ट मटेरियल को इकट्ठा करते हैं। कलेक्ट करने के बाद उसे ड्राई करते हैं, फिर पॉलीमराइजेशन भी करवाते हैं। इसके बाद दो तीन चरण से गुजरने के बाद हमारा प्रोडक्ट तैयार हो जाता है। एक बैच बनाने के लिए 15 से 20 दिन का समय लग जाता है, जिसके बाद हमारा फाइनल प्रॉडक्ट तैयार होता है," अंकित ने बताया।
EF पॉलिमर के सह संस्थापक ने कहा कि भारत में वे सभी जगह अपने प्रोडक्ट को बेच रहे हैं। इसके साथ वह 10 से ज्यादा देशों में बिकता है, जिन में जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सम्मिलित हैं।
अंकित ने बताया कि इस स्टार्ट उप को 30 से 40 जगहों पर नैशनल से लेकर इंटरनेशनल अवॉर्ड तक मिल चुके हैं, भारत के साथ विदेशों में भी इस प्रोडक्ट को सम्मानित किया गया है।
"[...] जापान सरकार के पर्यावरण विभाग की ओर से बेस्ट एनवायरनमेंट प्रॉडक्ट का अवॉर्ड भी मिला हुआ है। रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन द्वारा पूरे कॉमनवेल्थ देशों के लिए किये गए आयोजन में हम लोग फर्स्ट थे और वे लोग अभी भी हमें सपोर्ट कर रहे हैं," अंकित जैन ने Sputnik India से कहा।
"अवॉर्ड के बाद हमारा सबसे बड़ा मोटिवेशन रहा है कि किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला पाए, जिसके लिए हमने यह शुरुआत की है और हम इसमें सफल भी हुए हैं। बहुत से राज्यों में जहां पानी, रिसोर्सेज़ उपलब्ध नहीं थे, लेकिन उन लोगों ने हमारे उत्पाद को प्रयोग किया जिससे उन्हे यह बहुत अच्छा लगा और उन्होंने इसे दुबारा भी उपयोग किया और हमें धन्यवाद दिया। यह हमारे लिए सबसे बड़ा सम्मान है," उन्होंने बताया।
अंत में अंकित जैन ने कहा कि "हम चाहते हैं कि हमारा प्रोडक्ट गरीब और छोटे किसानों तक पहुंचे जिससे वे अपनी खेती को बढ़ा सकें।"