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इज़राइल-हमास के मध्य टकराव से क्षेत्रीय स्थिति प्रभावित नहीं होगी: विशेषज्ञ
इज़राइल-हमास के मध्य टकराव से क्षेत्रीय स्थिति प्रभावित नहीं होगी: विशेषज्ञ
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इज़राइल पर 7 अक्तूबर को फिलिस्तीनी लड़ाकों ने आक्रमण कर दिया था। फिलिस्तीन से सटे इजरायली क्षेत्रों पर लगभग हजारों रॉकेट दागे गए थे। इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने युद्ध की स्थिति का उद्घोष किया है।
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इजरायल पर हमास के आक्रमण के बाद वर्षों पुराना फिलिस्तीन और इजरायल के मध्य संघर्ष एक बार और तीव्र हुआ है। दोनों ओर से हजारों रॉकेट दागे गए। इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने जनता को यह स्पष्ट कर दिया कि इजरायल युद्ध की स्थिति में है।Sputnik ने राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. साइमन सिपिस से बात की, जिन्होंने अपना विचार सामने रखा कि इज़राइल-हमास के मध्य टकराव से क्षेत्रीय स्थिति प्रभावित नहीं होगी।इज़राइल के राजनीतिक संकट का लाभ उठाने का प्रयासबढ़ते संघर्ष के कारणों को लेकर विशेषज्ञ ने कहा कि संघर्ष का मुख्य कारण इज़राइल का आंतरिक राजनीतिक मतभेद है। इज़राइल में न्यायिक सुधारों से बड़ी संख्या में लोग असंतुष्ट थे, इसलिए देश लंबे समय तक विरोध की स्थिति में रहा।सिपिस ने कहा, इज़राइल के कई सैन्य कर्मियों ने न्यायिक सुधार वापस लिए जाने तक सैनिक सेवा से इनकार कर दिया। इससे देश की रक्षात्मक क्षमता कम हो गई।आयरन डोम का जादू सीमित हैयह पूछे जाने पर कि इजरायल का हवाई सुरक्षा कवच आयरन डोम क्यों विफल हुआ, विशेषज्ञ ने कहा कि हमास ने हजारों रॉकेट दागे, सैकड़ों लड़ाकों ने हैंग ग्लाइडर पर सवार होकर सीमा पार की। मिसाइल प्रतिरोधक प्रणाली को इतने सारे लक्ष्यों को रोकने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है।क्या हमास ने मोसाद को आश्चर्यचकित कर दिया?विशेषज्ञ ने कहा कि यह भ्रम है कि मोसाद हमास की इज़राइल में सफल घुसपैठ के लिए उत्तरदायी है। उनके अनुसार मोसाद इज़राइल की विदेशी खुफिया एजेंसी है, जबकि हमास की गतिविधियों की निगरानी इजरायली घरेलू खुफिया सर्विस शिन बेट करता है।विशेषज्ञ ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “यह संभव है कि हमास ने हमारी ख़ुफ़िया सेवाओं को भ्रमित किया था, और हम जो विफलता देख रहे है, यह इसका परिणाम है।"इजराइल पर आक्रमण में यूक्रेनी हथियार संलग्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हमास ने इग्ला मिसाइल के जरिए इज़राइल पर आक्रमण किया था। इसको लेकर सिपिस ने कहा कि ये मिसाइलें हमास को यूक्रेन की और से मिल सकती थीं। विशेषज्ञ के अनुसार 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद से यूक्रेन अवैध हथियारों का व्यापार और हथियारों की तस्करी सक्रिय रूप से कर रहा है।उन्होंने कहा, “चूंकि यूक्रेनी पक्ष ने सोवियत संघ के पतन के बाद सोवियत काल के अपने सभी सैन्य भंडार बेच दिए, यह अपराधियों के हाथों में पड़ गया।"क्षेत्र के लिए ताज़ा संघर्ष के परिणाम क्या होंगे?सिपिस का मानना है कि वर्तमान विवाद एक स्थानीय झड़प है और क्षेत्रीय या फिर वैश्विक संघर्ष में परिवर्तित होने की इसकी संभावना अति न्यूनतम स्तर की है।सिपिस के अनुसार, इससे मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा, अगर देश के उत्तर में नियुक्त हिजबुल्लाह आंदोलन, सीरिया या फिर ईरान स्थिति को नहीं बदलेंगे।
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इज़राइल-हमास के बीच टकराव, इज़राइल पर 7 अक्तूबर को फिलिस्तीनी लड़ाकों ने आक्रमण कर दिया, इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू, फिलिस्तीन और इजरायल के बीच संघर्ष, डॉ. साइमन सिपिस, इज़राइल के राजनीतिक संकट का लाभ, रक्षात्मक क्षमता, गाजा पट्टी, इजरायल का हवाई सुरक्षा कवच आयरन डोम, हैंग ग्लाइडर, आयरन डोम प्रणाली, जादुई प्रणाली, मोसाद, विदेशी खुफिया एजेंसी, इजरायली घरेलू खुफिया सर्विस शिन बेट, israel-hamas war hindi news, israel palestine war hindi, israel under attack hindi news, hamas, hamas terrorist hindi news, hamas leader, hamas vs israel, hamas news, hamas palestine, hamas israel hindi news, hamas gaza hindi news, hamas kya hai, hamas attack on israel, israel hamas news, israel palestine conflict, israel attack, lebanon attack on israel, israel map, lebanon attack on israel today hindi news, palestine hamas map
इज़राइल-हमास के मध्य टकराव से क्षेत्रीय स्थिति प्रभावित नहीं होगी: विशेषज्ञ
19:37 08.10.2023 (अपडेटेड: 13:57 09.10.2023) इज़राइल पर 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी लड़ाकों ने आक्रमण कर दिया था। फिलिस्तीन से सटे इजरायली क्षेत्रों पर लगभग हजारों रॉकेट दागे गए थे। इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने युद्ध की स्थिति का उद्घोष किया है।
इजरायल पर हमास के आक्रमण के बाद वर्षों पुराना फिलिस्तीन और इजरायल के मध्य संघर्ष एक बार और तीव्र हुआ है। दोनों ओर से हजारों रॉकेट दागे गए। इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने जनता को यह स्पष्ट कर दिया कि इजरायल युद्ध की स्थिति में है।
Sputnik ने राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. साइमन सिपिस से बात की, जिन्होंने अपना विचार सामने रखा कि इज़राइल-हमास के मध्य टकराव से क्षेत्रीय स्थिति प्रभावित नहीं होगी।
इज़राइल के राजनीतिक संकट का लाभ उठाने का प्रयास
बढ़ते संघर्ष के कारणों को लेकर विशेषज्ञ ने कहा कि संघर्ष का मुख्य कारण इज़राइल का
आंतरिक राजनीतिक मतभेद है। इज़राइल में
न्यायिक सुधारों से बड़ी संख्या में लोग असंतुष्ट थे, इसलिए देश लंबे समय तक विरोध की स्थिति में रहा।
सिपिस ने कहा, इज़राइल के कई सैन्य कर्मियों ने न्यायिक सुधार वापस लिए जाने तक सैनिक सेवा से इनकार कर दिया। इससे देश की रक्षात्मक क्षमता कम हो गई।
विशेषज्ञ ने कहा, “नवीनतम जानकारी के अनुसार, [हमास] देश के केंद्र की ओर बढ़ रहा है। यह सब उसी गाजा पट्टी से रॉकेट आक्रमणों के साथ-साथ चल रहा है। उन्होंने इज़राइल के निवासियों को गंभीर क्षति पहुंचाई है। [इज़राइल में] सेना में लामबंदी की घोषणा कर दी गई है, इजरायली वायु सेना सैन्य दखल को रोकने के लिए गाजा पट्टी में हवाई आक्रमण कर रही है।"
आयरन डोम का जादू सीमित है
यह पूछे जाने पर कि इजरायल का हवाई सुरक्षा कवच आयरन डोम क्यों विफल हुआ, विशेषज्ञ ने कहा कि हमास ने हजारों रॉकेट दागे, सैकड़ों लड़ाकों ने हैंग ग्लाइडर पर सवार होकर सीमा पार की। मिसाइल प्रतिरोधक प्रणाली को इतने सारे लक्ष्यों को रोकने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है।
सिपिस ने समझाया, “आयरन डोम प्रणाली सभी रॉकेट को रोकने में सक्षम नहीं है। निस्संदेह, वह कुछ मिसाइलों को नहीं रोकती है। यह कोई जादुई प्रणाली नहीं है और सैन्य ड्यूटी पर तात्कालिक बैटरियों की संख्या सीमित है। निश्चित रूप से वह कुछ मिसाइलों को नहीं रोकती है और मिसाइलें घरों और संस्थानों पर गिरती हैं।''
क्या हमास ने मोसाद को आश्चर्यचकित कर दिया?
विशेषज्ञ ने कहा कि यह भ्रम है कि मोसाद हमास की इज़राइल में सफल घुसपैठ के लिए उत्तरदायी है। उनके अनुसार मोसाद इज़राइल की विदेशी खुफिया एजेंसी है, जबकि हमास की गतिविधियों की निगरानी इजरायली घरेलू खुफिया सर्विस शिन बेट करता है।
सिपिस ने कहा, "शिन बेट के लिए यह शायद सबसे बड़ी विफलताओं में से एक है, क्योंकि उनका ही कर्तव्य आंतरिक सुरक्षा को नियंत्रित करना था, और उनके पास हमास और गाजा पट्टी दोनों में सभी आवश्यक खुफिया संसाधन थे। विश्वसनीय जानकारी किसी को प्राप्त नहीं हुई।"
विशेषज्ञ ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “यह संभव है कि हमास ने हमारी ख़ुफ़िया सेवाओं को भ्रमित किया था, और हम जो विफलता देख रहे है, यह इसका परिणाम है।"
इजराइल पर आक्रमण में यूक्रेनी हथियार संलग्न
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हमास ने
इग्ला मिसाइल के जरिए इज़राइल पर आक्रमण किया था। इसको लेकर सिपिस ने कहा कि ये मिसाइलें हमास को यूक्रेन की और से मिल सकती थीं। विशेषज्ञ के अनुसार 1991 में
सोवियत संघ के पतन के बाद से यूक्रेन अवैध हथियारों का व्यापार और
हथियारों की तस्करी सक्रिय रूप से कर रहा है।
उन्होंने कहा, “चूंकि यूक्रेनी पक्ष ने सोवियत संघ के पतन के बाद सोवियत काल के अपने सभी सैन्य भंडार बेच दिए, यह अपराधियों के हाथों में पड़ गया।"
क्षेत्र के लिए ताज़ा संघर्ष के परिणाम क्या होंगे?
सिपिस का मानना है कि वर्तमान विवाद एक स्थानीय झड़प है और क्षेत्रीय या फिर वैश्विक संघर्ष में परिवर्तित होने की इसकी संभावना अति न्यूनतम स्तर की है।
विशेषज्ञ ने बल देकर कहा, "मुझे नहीं लगता कि इसका क्षेत्र पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि अभी यह एक स्थानीय झड़प, एक स्थानीय संघर्ष है। मुझे नहीं लगता कि यह झड़प क्षेत्रीय, या क्षेत्रीय से वैश्विक संघर्ष में परिवर्तित हो जाएगा। यह अभी इजराइल और हमास के मध्य है।”
सिपिस के अनुसार, इससे मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा, अगर देश के उत्तर में नियुक्त
हिजबुल्लाह आंदोलन, सीरिया या फिर ईरान स्थिति को नहीं बदलेंगे।