https://hindi.sputniknews.in/20231124/bharat-jald-hi-vimanvahak-pot-aur-badi-sankhya-men-ladaku-viman-banega-report-5564922.html
भारत जल्द ही विमानवाहक पोत और बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान बनाएगा: रिपोर्ट
भारत जल्द ही विमानवाहक पोत और बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान बनाएगा: रिपोर्ट
Sputnik भारत
भारतीय मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत जल्द ही तीन बड़ी स्वदेशी परियोजनाओं को प्रारंभिक मंजूरी देगा, जिससे अंततः देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।
2023-11-24T18:13+0530
2023-11-24T18:13+0530
2023-11-24T18:13+0530
डिफेंस
भारत
रक्षा मंत्रालय (mod)
रक्षा-पंक्ति
वायु रक्षा
भारत के रक्षा मंत्री
रक्षा उत्पादों का निर्यात
लड़ाकू वाहन
हेलीकॉप्टर
भारत का विकास
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/06/0f/2495257_0:0:3072:1728_1920x0_80_0_0_7051fc65d2b1c7d2de7565595736843c.jpg
परियोजनाओं में एक विमानवाहक पोत के साथ-साथ 97 तेजस लड़ाकू विमान और 156 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का निर्माण अपेक्षित हैं। कथित तौर पर तीनों परियोजनाओं की लागत लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये होगी।समाचार आउटलेट ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद 30 नवंबर को अपनी बैठक में इन तीन परियोजनाओं को हरी झंडी देगी। इस बैठक में 'आवश्यकता की स्वीकृति' (AoN) चरण को अंजाम दिया जाएगा। यह क्रय प्रक्रिया का पहला चरण है।मेगा-प्रोजेक्ट्स को पूर्ण होने में कई वर्ष लगेंगे, परंतु भारत के लिए रक्षा क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि उसका उत्तरी पड़ोसी तेजी से मल्टी-डोमेन युद्ध प्रणालियों के लिए अपनी क्षमता का निर्माण कर रहा है।गौरतलब है कि भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भारत की अपनी लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (LR-SAM) 'आयरन डोम' तैयार कर रहा है। यह 2028-2029 तक बनकर तैयार हो जाएगा।बता दें कि भारत ने पहले ही सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 तेजस जेट का ऑर्डर दे दिया है, और पिछले ऑर्डर में अब 97 जेट भी जोड़े जाएंगे।भारत के पास अभी दो विमानवाहक पोत हैं। आईएनएस विक्रांत को सितंबर 2022 में कमीशन किया गया था। यह वर्ष 2024 तक युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। दूसरा, रूस से प्राप्त नवीनीकृत आईएनएस विक्रमादित्य है जिसे 2013 में नौसेना में सम्मिलित किया गया था।
https://hindi.sputniknews.in/20230901/bhartiy-nausena-men-tisre-vimanvahak-pot-ko-shamil-karne-ki-taiyari-3984766.html
भारत
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/06/0f/2495257_330:0:3061:2048_1920x0_80_0_0_0caea62c9c29245af9bbda067234b003.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
भारत बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान बनाएगा, देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा, भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक, आवश्यकता की स्वीकृति' (aon), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (drdo), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (hal), रूस से प्राप्त नवीनीकृत आईएनएस विक्रमादित्य, मल्टी-डोमेन युद्ध प्रणाली, भारत के पास दो विमानवाहक पोत, तेजस लड़ाकू विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का निर्माण
भारत बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान बनाएगा, देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा, भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक, आवश्यकता की स्वीकृति' (aon), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (drdo), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (hal), रूस से प्राप्त नवीनीकृत आईएनएस विक्रमादित्य, मल्टी-डोमेन युद्ध प्रणाली, भारत के पास दो विमानवाहक पोत, तेजस लड़ाकू विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का निर्माण
भारत जल्द ही विमानवाहक पोत और बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान बनाएगा: रिपोर्ट
भारतीय मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत जल्द ही तीन बड़ी स्वदेशी परियोजनाओं को प्रारंभिक मंजूरी देगा, जिससे अंततः देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजनाओं में एक विमानवाहक पोत के साथ-साथ 97 तेजस लड़ाकू विमान और 156 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का निर्माण अपेक्षित हैं। कथित तौर पर तीनों परियोजनाओं की लागत लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये होगी।
समाचार आउटलेट ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली भारतीय
रक्षा अधिग्रहण परिषद 30 नवंबर को अपनी बैठक में इन तीन परियोजनाओं को हरी झंडी देगी। इस बैठक में 'आवश्यकता की स्वीकृति' (AoN) चरण को अंजाम दिया जाएगा। यह क्रय प्रक्रिया का पहला चरण है।
मेगा-प्रोजेक्ट्स को पूर्ण होने में कई वर्ष लगेंगे, परंतु भारत के लिए
रक्षा क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि उसका उत्तरी पड़ोसी तेजी से मल्टी-डोमेन युद्ध प्रणालियों के लिए अपनी क्षमता का निर्माण कर रहा है।
गौरतलब है कि भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भारत की अपनी लंबी दूरी की
वायु रक्षा प्रणाली (LR-SAM) 'आयरन डोम' तैयार कर रहा है। यह 2028-2029 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
बता दें कि भारत ने पहले ही सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 तेजस जेट का ऑर्डर दे दिया है, और पिछले ऑर्डर में अब 97 जेट भी जोड़े जाएंगे।
भारत के पास अभी दो विमानवाहक पोत हैं। आईएनएस विक्रांत को सितंबर 2022 में कमीशन किया गया था। यह वर्ष 2024 तक युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। दूसरा,
रूस से प्राप्त नवीनीकृत आईएनएस विक्रमादित्य है जिसे 2013 में नौसेना में सम्मिलित किया गया था।